ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
मथुरा: मथुरा (Mathura) में मांट टोल पर पुलिस और एएनटीएफ की टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है। महंगी गाड़ी का शौक रखने वाले शख्स को पुलिस ने रोका तो ताश के पत्तों की तरह हकीकत खुलकर सामने आ गई। पकड़ा गया शख्स एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर निकला। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया है। जिले के थाना मांट क्षेत्र के अंतर्गत यमुना एक्सप्रेस-वे के मांट टोल पर पकड़े गए ड्रग तस्कर गिरोह को पुलिस ने जेल भेज दिया। पूछताछ में पता चला है कि तस्करों का मुखिया नूर अहमद दुबई में टैक्सी चालक था। वहां उसकी बिहार के एक युवक से मुलाकात हुई। दोनों ने गिरोह का विस्तार किया और नेपाल से लेकर भारत में चरस की तस्करी शुरू कर दी।
यह गैंग नेपाल से एक लाख रुपये किलो के रेट पर चरस खरीदता था। इसके बाद गैंग भारत में इसे 10 से 15 गुना ऊंचे दामों पर बेचता था। साल 2021 में भारत आने के बाद नूर अहमद ने आबिद को साथ में लिया और एक कार खरीदी। इसके बाद गिरोह में नूर आलम, मो. शाहिद को शामिल किया। नूर अहमद ने बताया कि वह नीरेंद्र के पास चंपारण में गाड़ी छोड़कर आ जाता था। चार से पांच दिन बाद नीरेंद्र उसे फोन कर बताता कि वह नेपाल से गाड़ी में चरस ले आया है। इसके बाद अन्य साथियों के साथ मिलकर वहां पहुंचता और गाड़ी और उसमें लदी चरस को पश्चिम यूपी सहित, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में सप्लाई देने जाता। पकड़ी गई चरस की हरियाणा के कैथल जिले में सप्लाई होनी थी। हालांकि पकड़े गए शख्स ने कैथल के रिसीवर का नाम-पता नहीं बताया है।
ये बोले एसपी क्राइम
एसपी क्राइम अवनीश कुमार मिश्र और सीओ एएनटीएफ, आगरा इमरान खान ने बताया कि मो. शाहिद पुत्र मो. राशिद, नूर अहमद पुत्र मकसूद राजा, नूर आलम पुत्र सोहराब अहमद निवासीगण चमरौली, दरियाबाद, बाराबंकी और आबिद पुत्र जब्बीर अहमद निवासी टिकैत नगर को बाराबंकी जेल भेज दिया गया है। इनसे 50 किलो से अधिक की चरस बरामद हुई है। नूर अहमद गिरोह का मुखिया है। वह दुबई में टैक्सी चलाता था। वहां उसकी मुलाकात बिहार के नीरेंद्र नाम के युवक से हुई। दोनों का वहां मिलने वाले पैसों से गुजारा नहीं चल रहा था। इस पर ड्रग तस्करी करने का प्लान किया। नूर आलम और मो. शाहिद सऊदी अरब में नौकरी करते थे। दोनों ने भारत वापस आने के बाद ड्रग तस्करी शुरू की। यह गिरोह पिछले ढाई साल से तस्करी में लिप्त था।
आरोपियों ने नेता से ख़रीदी थी कार
पुलिस पूछताछ में नूर अहमद ने बताया कि उसने और आबिद ने ड्रग तस्करी के लिए लखनऊ नंबर की कार को मिलकर खरीदा था। एक नेता के जरिये कार का सौदा हुआ था। यह गाड़ी किसी के पास गिरवी रखी हुई थी। सीओ इमरान खान ने बताया कि ड्रग तस्कर गैंग के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। इन्होंने जो अपराध से की संपत्ति अर्जित की है उसे सीज किया जाएगा। पुलिस इनसे संबंधित तहसीलों से चल, अचल संपत्ति का रिकॉर्ड निकलवा रही है।
जी-20 की बैठक ने भी डाला अडंगा
ड्रग तस्करों के पीछे उनकी टीम एक माह से लगी हुई थी। आरोपी चरस की बदबू को छिपाने के लिए गाड़ी में परफ्यूम डालकर रखते थे। इसके अलावा हाईवे-एक्सप्रेस-वे के जरिये ही माल को एक से दूसरे राज्य में लेकर जाते थे। नारकोटिक्स सेल ने इस गैंग को पकड़ने के लिए टोल प्लाजा पर संपर्क कर रखा था। गाड़ी संख्या पहले से पता होने के कारण गैंग के मूवमेंट की जानकारी हो गई और मांट पुलिस की मदद से सभी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि दिल्ली में जी-20 की बैठक के कारण जांच सख्ती होने से आरोपी सप्लाई देने के लिए नहीं निकल रहे थे। एक सप्ताह तक सप्लाई को टाला गया था।
Author: samachar
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