दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
मुजेहना, गोंडा। प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र रुद्रगढ़ नौसी के संचालन कार्य में लगे मजदूरों को चार साल बाद भी उनकी मजदूरी का भुगतान नही किया जा सका है। वर्ष 2019 में भारी अब्यवस्थाओं के बीच केंद्र का संचालन करने के लिए खण्ड विकास की समिति ने आश्रम केंद्र निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले समाजसेवी प्रदीप कुमार शुक्ला को आमन्त्रित किया था।
समिति में पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर मनोज वर्मा, डीसी मनरेगा हरिश्चंद्र प्रजापति व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद शमीम की सहमति पर संचालन का कार्य 4 जून से 20 जुलाई 2019 तक सुचारू रूप से किया गया। इस दौरान मवेशियों की देखरेख में लगे 12 मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान नही किया गया। मजदूर वर्ग के लोगों को पारिश्रमिक न मिलने से उनका जीवन यापन प्रभावित होने लगा तो पारिश्रमिक की मांग की जाने लगी। काफी जद्दोजहद के बाद महज पांच मजदूरों का पारिश्रमिक दे कर संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत स्तर के लोगों को सौंप दी गयी। तब से मुख्य संचालक प्रदीप कुमार शुक्ला निरन्तर सात मजदूरों की मजदूरी दिलाने के लिए हर चौखट पर माथा टेक चुके हैं।
इस दौरान समिति के अधिकारियों का ट्रान्सफर हो जाने की वजह से पारिश्रमिक प्राप्त करने की उम्मीद कम होती गयी। उधर ग्राम प्रधान भी सत्ता से बाहर हो गए और ग्राम पंचायत रुद्रगढ़ नौसी में नये ग्राम प्रधान निर्वाचित तो उनसे भी इस बारे में बात की गयी किन्तु उन्होंने भी अपना पल्ला झाड़ लिया, पूर्व के ग्राम प्रधान किसी प्रकार लिखित जानकारी देने से मना कर चुके हैं।
मजदूरो के पारिश्रमिक का ये मामला जिलाधिकारी रहे डॉक्टर उज्ज्वल कुमार के पास भी पहुंचा उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी विकास मिश्रा को इसकी जांच सौंपी तो यहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
हर तरफ से निराशा मिलने पर मुख्य संचालक ने जन सूचना के तहत कार्य तिथियों में मजदूरों पर खर्च सहित अन्य विवरण की मांग की लेकिन गोलमोल जबाब दे दिया गया, जिस असन्तुष्ट आवेदक ने पुनः अपील की लेकिन आज तक न तो मजदूरों पर किये खर्च का विवरण उपलब्ध कराया गया और ना चार सालों में मजदूरो के पारिश्रमिक का भुगतान किया गया, अब एक फिर गोंडा की नई जिलाधिकारी नेहा शर्मा से उम्मीद जगी है मुख्य संचालक ने उनसे भी गुहार लगाई है।
Author: samachar
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