चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार मिहीपुरवा तहसील के मोगलाहन पुरवा में कल शाम भीषण आग लगने से 200 से अधिक घर जल कर राख हो गए। गांव के पूर्वप्रधान का मानना है कि इसमें लगभग एक करोड़ का नुकसान हुआ है। आग इतनी भीषण थी कि उसने पक्के मकानों को भी अपनी जद में ले लिया। लगभग 10 ग्रामीणों के मकानों की दीवार और छत दरक गई हैं और एक दर्जन से ऊपर ग्रामीणों के नकद पैसे जल गए हैं। घटना की गम्भीरता को देखते हुए ज़िला अधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा ने मौके का मुआयना किया और सरकार से मदद दिलवाने के आश्वासन दिया है।
गाँव के एक छोर पर बसे छोटे लाल पुत्र झींगुर के घर की महिलाएं चूल्हे पर दूध गरम कर रही थीं। तभी ऊपर अलगनी से कुछ कपड़े चूल्हे पर गिर गए, जिन्होंने आग पकड़ ली। पहले महिलाओं ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन देखते ही देखते आग विकराल रूप धारण करने लगी। आग पर किसी का बस नहीं चल पा रहा था क्योंकि हवाएं बहुत तेज़ चल रही थीं।
मोगलाहन पुरवा के पूर्व प्रधान कैलाश यादव ने बताया कि लगभग 15 लोगों के नगद रुपये जल गए है। जिसमें हंसराज पुत्र राम सहाय के 18, प्रमोद पुत्र गया प्रसाद के 30, खिलावन पुत्र मथुरा के 12, मैनेजर पुत्र बदलू आदि के 8 हज़ार नगद जल गए हैं। उन्होंने कहा इतना ही नहीं फूँस के और कच्चे मकान छोड़िए, इस अग्निकाण्ड में लगभग 10 पक्के मक्के मकानों की भी दीवार और छत दरक गई है, जिसमें सबसे अधिक नुकसान ओमकार पुत्र आशाराम, गुड्डू पुत्र मुरली, सहज राम पुत्र ढोडे, सुमिरन पुत्र बिंद्रा का हुआ है।
अग्निकांड की वजह से प्रभावित हुए ग्रामीणों से मिलने के लिए जिले की डीएम मोनिका रानी एवं एसपी प्रशांत वर्मा ने स्थलीय निरीक्षण किया। जिले के दोनों अधिकारियों ने गांव में पैदल घूमकर नुकसान का जायजा लिया। डीएम ने अग्नि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करने का आश्वासन देते हुए ढांढस बधाया। पैदल चलने के दौरान जब डीएम मोनिका रानी जब एक महिला से मिली और उसकी हालत देखी तो काफी भावुक हो गई और उसको ढांढस बधाते हुए कहा कि तुम परेशान न हो तुम्हारा पूरा सर्वे होगा और पूरा मुवावजा दिया जाएगा।
आपको बताते चले सन 1989 में भी इस गाँव में इसी तरह आग लगी थी तब 250 से ऊपर घर जले थे। दरअसल इस गांव अधिक घरों का नुकसान होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि यह घाघरा नदी के किनारे का बहुत गरीब गांव है और इसमें घास-फूस के मकानों की बहुतायत है। इसीलिए जब आग लगती तो भारी नुकसान होता है।
दरअसल यह गांव ज़ालिमनगर का हिस्सा है यानि कि उसका पुरवा है, इस गांव में निषाद और यादव जाति की बहुतायत है। कुछ एक को छोड़कर यहाँ ज़्यादातर गरीब आबादी है। दुःखद बात यह है कि प्रशासन का पूरा अमला पहुँच जाने के बावजूद यहां के सांसद अक्षयबर लाल और यहां की विधायिका सरोज सोनकर अभी तक गांव ग्रामीणों का हाल जानने नहीं पहुची हैं जबकि पूर्व भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने गांवों में जाकर दौरा किया। प्रशासन ने गांव वालों के लिए भोजन की व्यवस्था की है और फिलहाल त्रिपाल बाटें हैं।
वहीं एक अन्य घटना में बहराइच के राम गांव नवादा में अज्ञात कारणों से घर मे लग गई। आग में भी एक बच्चे की जल कर मौत हो गई है। पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है।
Author: samachar
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