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बाराबंकी

इधर हुआ इशारा और उधर आदमी खल्लास, क्या हुआ जब पुलिस के हाथ लगा संजीव जीवा का शूटर?

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बारांबकी, लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट में वेस्ट यूपी के गैंगस्टर संजीव जीवा (sanjeev maheshwari jeeva) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था, जहां उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुख्यात माफिया डान जीवा बाराबंकी जिला कारागार में भी मई 2013 से मई 2015 तक निरुद्ध रहा था। इस दौरान उस पर बाराबंकी जेल से ही अपने गैंग को आपरेट करने के आरोप लगते रहे। बताया जाता है कि उसने जेल में रहने के दौरान ही स्थानीय युवकों की फौज तैयार की थी। जीवा इन युवकों से रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जे का धंधा करवाता था। कहा जाता है कि माफिया यहां पर रहने के दौरान इलाज के बहाने लखनऊ जाकर रियल स्टेट की बड़ी डील करता था। तत्कालीन सपा की सरकार में उसको सत्ता के मिले संरक्षण के कारण स्थानीय सपा नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा था।

बंकी निवासी मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के जिला महासचिव अरविंद यादव की बंकी बाजार में 15 जनवरी 2014 को दिन दहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस दौरान जीवा बाराबंकी की जेल में बंद था। सपा नेताओं का आरोप था कि जीवा जेल से रियल स्टेट का धंधा कर रहा है। उसके इशारे पर कार्य न करने पर हत्या करा दी जाती है। यह भी कहा था कि अरविदं यादव के पिता ने वारदात से तीन दिन पहले माफिया जीवा के इशारे पर शहर के ही युवकों रीशू जायसवाल, पंकज वर्मा आदि के माध्यम से किसी डील से अलग होने का दबाव बनाया था। इसकी जानकारी पिता ने एसपी रहे आनंद कुलकर्णी को लिखित में दी पर कार्रवाई न होने से हत्या कर दी गई।

तत्कालीन सीएम रहे अखिलेश यादव ने हत्या पर उस समय एसपी रहे आनंद कुलकर्णी को लापरवाही पर निलंबित किया था। रीशू जायसवाल सहित आठ पर हत्या का केस दर्ज हुआ था पर जीवा को नामजद न करने पर सपाईयों ने जीवा को जिला जेल से बाहर भेजने के लिए जमकर प्रदर्शन किए थे।बाबजूद इसके न जीवा नामजद हुआ और न ही उसकी जेल बदली गई थी। सपाइयों ने आरोप लगाया था कि अरविंद की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह पूर्वांचल के दूसरे माफिया पन्ना यादव के लिए कार्य करता था।

बाराबंकी जेल में बंद रहने के दौरान ही जीवा ने हाइवे के आसपास की गरीब किसानों की जमीनों को जबरन सस्ती कीमतों में खरीदने का कार्य जमकर किया था। चार अप्रैल 2015 को लखनऊ के थाना गोमतीनगर इलाके के हुसेड़िया चैराहा पर बाइक से जा रहे बाराबंकी के किसान पट्टू यादव की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। हत्या में नगर के अभयनगर निवासी शूटर को दबोचा गया।इस पर शूटर ने पुलिस से कहा कि पट्टू ने बाराबंकी जेल में बंद संजीव महेश्वरी जीवा के कहने के बाद भी जमीन बेचने से इंकार करने पर ही उसने पट्टू की हत्या की है। इस पर गोमतीनगर की पुलिस ने कोर्ट से 48 घंटे की कस्टडी रिमांड लेकर पूछताछ की थी।इस दौरान ही कई अन्य मामले आए जिनमें साफ हुआ कि जीवा ने बारांबकी जेल में रहना खुद चुना था। यहां से इलाज के बहाने जीवा लखनऊ जाता था और वहां पर सत्ता व रियल स्टेट की बड़ी डील में हिस्सा लेता था।

बाराबंकी जेल में आने से पहले जीवा प्रयागराज की नैनी जेल में रह चुका था। प्रयागराज की जेल में रहने के दौरान जीवा ने बाराबंकी में अपने स्लीपर माड्यूल के रूप में अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ टेनी व सुनील अवस्थी आदि की नई फौज तैयार की थी। इसके बाद जीवा ने बाराबंकी की रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर पूर्वांचल के जिलों के ईंट भट्टों के आने वाले कोयला की खेप पर वसूली के लिए साल 2009 व 2011 में व्यापारियों को धमकी दी थी। वसूली के लिए उसके गुर्गे दो बार कोयले की रैक उतरने के स्थल पर जाकर बमबाजी कर दी थी। इस पर दो रंगदारी वसूली के केस बाराबंकी नगर की कोतवाली में दर्ज हुए थे। बाराबंकी की शहर कोतवाली में साल 2011 में गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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