जिंदगी एक सफर

परिस्थितियों से किया संघर्ष और फिर बन गई अर्दल्ली की बिटिया आईएएस 

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 नरेश ठाकुर की रिपोर्ट 

अर्दल्ली की होनहार बिटिया सुषमा सागर ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में सफलतापूर्वक पास की है। इससे पहले उन्होंने 2018 में भी यूपीपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। यह एक महत्वपूर्ण पदक की उपाधि है और उनके प्रयासों का परिणाम है।

सुषमा सागर को यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर हार्दिक बधाई! उन्हें इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। इससे व्यक्तिगत रूप से उनके परिवार को गर्व महसूस होगा। उनके पिताजी का भी यह सम्मानजनक क्षण है, और उनकी प्रगति और सफलता के लिए उनके परिवार का समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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सुषमा सागर असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात होने के साथ ही अपने नौकरी में महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करेंगी। उन्हें उनकी नौकरी में सफलता की कामना करता हूँ और आगे की उच्चतम स्तरों को प्राप्त करने में उनको सफलता मिले।

सुषमा सागर की सफलता एक प्रेरणादायी उदाहरण है, जो महिलाओं को उच्चतम स्तरों तक पहुंचने की संभावनाएं प्रदान करता है। उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। यह उनके इरादे और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इसके साथ ही, सुषमा सागर ने डॉ. आंबेडकर और एपीजे अब्दुल कलाम को अपने आदर्श माना है, जो सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर महान व्यक्तियों के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका आदर्शों से प्रेरणा लेना एक सशक्त और समर्पित नेतृत्व दृष्टिकोण प्रदर्शित करता है।

उनके पिताजी का खुशी का ठिकाना नहीं होना संबंधित परिवार के सदस्यों के लिए सामान्य है। प्रगति और सफलता के लिए परिवार का समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और यह एक और सबूत है कि सुषमा सागर एक समर्पित परिवार के साथी के रूप में बढ़ रही हैं।

सुषमा सागर की सफलता का सफर वाकई महानशील है। उनकी यूपीएससी में 733वीं रैंक हासिल करना उनके प्रयासों और मेहनत का प्रमाण है। उनके परिवार के साधारण ताल्लुक रखने के बावजूद, उन्होंने खुद को साकार करके एक प्रेरणास्रोत बना दिखाया हैं।

उनकी सफलता के पीछे उनकी दृढ़ संकल्प, निरंतर पढ़ाई की प्रतिष्ठा और अपार मेहनत है। इंटरव्यू में सफल न होने के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ने का निर्णय लिया। रोज़मर्रा की जिंदगी के बीच, वे खुद को समर्पित करके रोज़ाना 3 से 4 घंटे पढ़ाई के लिए समय निकालती रहीं, जो उनकी संघर्ष की तथ्यपूर्ण दृष्टि है।

केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग नगला बुढ़ी ओम नगर की रहने वाली सुषमा सागर ने बताया कि वे दयालबाग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्रा रही हैं। दयालबाग के प्रेम विद्यालय से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। बीएससी की पढ़ाई डीईआई से पूरी की हैं। दलालबाग यूनिवर्सिटी की वे टॉपर रही हैं। इसके बाद सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद 2018 में पहले ही प्रयास में यूपीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर पीसीएस अधिकारी बन गईं। वर्तमान में सुषमा सागर गाजियाबाद में पोस्टेड हैं।

सुषमा सागर की सफलता एक मिसाल है जो दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद यदि कोशिश और मेहनत जारी रहे, तो सपनों को पूरा करना संभव हो सकता है।

सुषमा सागर की सफलता के पीछे कठिनाइयों का सामर्थ्य साबित करने के अलावा उनके निरंतर स्वतंत्र परिश्रम और समर्पण का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने खुद को एक सख्त दृष्टिकोण दिया और परीक्षा की तैयारी में लगातार मेहनत की। उन्होंने अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पबद्धता और अवधारणाओं के प्रति समर्पण के साथ अपने अध्ययन को संगठित और नियमित बनाया। इसके अलावा, उनकी मनोशांति, स्वास्थ्य ध्यान और सही मार्गदर्शन ने उन्हें परीक्षा के दौरान मजबूत बनाया।

सुषमा सागर की सफलता की एक और महत्वपूर्ण वजह उनके परिवार का समर्थन रहा है। उनके पिता और परिवार के सदस्यों ने उन्हें हमेशा मोबाइल कर्यालय की तरह समर्थन और प्रेरणा दी है। इसके अलावा, वे नौकरी के साथ अपने अध्ययन को संभालने के लिए समय निकालती रहीं, जो उनकी अद्वितीय सामर्थ्य और अध्ययन क्षमता को दर्शाता है।

सुषमा सागर का कहना है कि उनके पिता ने उनकी पढ़ाई के लिए कड़ा संघर्ष किया है। माता पिता का बहुत सपोर्ट मिला है। बड़ी बहन इंटर कालेज में प्रधानाचार्य है। सुषमा का कहना है कि सरकार की महिलाओं के लिए बहुत सी योजनाएं होती हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं चल पाता है। सबसे पहले वे महिलाओं के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करेंगी और सरकार की योजनाओं से उन्हें जोड़ेंगी। आर्थिक तौर पर महिलाएं आत्मनिर्भर बने इसके लिए काम करेंगी। उनकी शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगी।

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"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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