सोनू करवरिया की रिपोर्ट
नरैनी(बाँदा): सीमावर्ती मध्यप्रदेश और लहुरेटा गांव से बड़ी संख्या में गोवंशों को हाँककर पुकारी गांव की गौशाला में लाया गया था। लेकिन, 152 गोवंश जो पहले से गायब हो गए थे, उनके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने संबंधित अधिकारियों से तीन दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब देने को कहा था, लेकिन अब तक इसका कोई समाधान नहीं निकला। इस बीच, ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा जिला प्रशासन को गुमराह करने की कोशिशें जारी हैं।
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विश्वहिंदू महासंघ गोरक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश के सीमावर्ती गांवों और लहुरेटा गांव से ग्राम प्रधान और सचिव ने बड़ी संख्या में गोवंशों को एकत्रित किया था। उन्होंने इस तस्करी का वीडियो भी बनाया है और मजदूरों से बयान लिए हैं, जिसमें मजदूरों ने बताया कि ये गोवंश पुकारी गौशाला में लाए जा रहे थे।
गोरक्षा समिति के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा की गई इस तस्करी के 152 गोवंशों की भरपाई प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर की जा रही है। गौशाला में गोवंशों की संख्या पूरी होने के बाद, अपर निदेशक पशुपालन विभाग पुकारी की अस्थाई गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि शनिवार को गौशाला में कुल 335 गोवंश पाए गए और वहां दाना-पानी, भूसा सहित सभी व्यवस्थाएं सही पाई गईं।
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हालांकि, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि 152 गायों का क्या हुआ, और उनकी असल स्थिति क्या है? जिला प्रशासन के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे तत्काल सुलझाने की जरूरत है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की