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November 22, 2024 10:23 pm

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“जब मुझे पायजामे का नाड़ा नहीं बांधने आता था तब से गैंगस्टर हूं …पढिए आज़म खान के खास इस माफिया की ये बातें…..

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार माफियाओं के साथ ही कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है। बुल्डोजर ऐक्शन से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) तक लगाया जा रहा है। हालांकि विपक्षी दलों की तरफ से कई बार सत्ता और कानून के दुरुपयोग की बात कही जाती है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी रासुका लगाए जाने के एक मामले को लेकर योगी सरकार के फैसले पर हैरानी जताई है। यह मामला है समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे नेता यूसुफ मलिक (Yusuf Malik) का। आखिर यह यूसुफ कौन हैं और उनको लेकर यह पूरा मामला क्या है? आइए जानते हैं।

सपा नेता आजम खान के करीबी यूसुफ मलिक के दामाद का मकान मुरादाबाद प्रशासन ने सील कर दिया था। यूसुफ पर आरोप लगा कि उन्होंने खुद को गैंगस्टर और आजम का राइट हैंड बताते हुए नगर आयुक्त को जान से मारने की धमकी दी थी। यूसुफ पर आरोप है कि उन्‍होंने नगर निगम की महिला अधिकारी दीपशिखा पांडेय से भी बदसलूकी की थी।

‘अधिकारी को दी थी मारने की धमकी’

शिकायत के अनुसार अपर नगर आयुक्त के मुताबिक यूसुफ ने कहा था- ‘तुम मुझे नहीं जानते। मैं 20 साल पुराना गैंगस्टर हूं, कई हत्या कर चुका हूं। मैं आजम खां का राइट हैंड हूं। और उस समय से गैंगस्टर हूं, जब से मैं पायजामे का नाड़ा बांधना नहीं जानता था। यदि तुमने मेरे दामाद की कोठी की सील नहीं खोली तो मैं तुम्हारी सरकारी कोठी को सील कर दूंगा और तुम्हारी हत्या कर दूंगा।’

धमकी देने के इस मामले में युसुफ मलिक ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसमें यूसुफ, उनके दामाद डेनिल, भाई यूनुस मलिक और अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ। गिरफ्तारी के बाद फिर मुरादाबाद जिला प्रशासन ने यूसुफ के खिलाफ एनएसए लगा दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक प्रकृति के मामलों में एनएसए लागू नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने नेता पर लगाए गए एनएसए को इस टिप्पणी के साथ रद कर दिया।

योगी सरकार ने लगाया रासुका

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साल मुरादाबाद के यूसुफ मलिक पर रासुका लगा दिया। मुरादाबाद जिला प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। यूसुफ मलिक समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। उनका विवादों से खूब वास्ता रहा है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जिला भूमाफिया टास्क फोर्स की ओर से मुरादाबाद जिला भूमाफिया टास्क फोर्स ने पांच लोगों को चिन्हित किया था। उनमें भी युसुफ मलिक का नाम शामिल था।

यूसुफ को सपा के कद्दावर नेता रहे आजम खान का काफी करीबी माना जाता है। उनकी रिहाई के लिए युसुफ कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं। उन पर आरोप लगा था कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए किसानों को धमकाने के लिए वे रामपुर पहुंच गए थे। पुलिस ने उनके खिलाफ रामपुर में किसानों को धमकाने का मुकदमा भी दर्ज किया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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