दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस तीनों हत्यारों को अरेस्ट कर पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है। कानपुर में अतीक अहमद का अखिलेश यादव पर दिया गया बयान लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। अतीक अहमद जनवरी 2017 में मीडिया से बात करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लेकर विवादित बयान दिया था। अतीक ने कहा था कि अखिलेश यादव अभी अनाड़ी हैं। यूपी की भाषा में कहा जाए तो लौंडे हैं। आज वही अखिलेश यादव माफिया डॉन अतीक अहमद को लेकर सरकार को घेर रहने की कोशिश में जुटे हैं।
अतीक अहमद विधानसभा चुनाव 2017 में कानपुर की कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता था। नेताजी मुलायम सिंह यादव और शिवपाल अतीक को कैंट सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे। बल्कि नेताजी ने अतीक को तैयारी करने का आशीर्वाद भी दे दिया था। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने इसका विरोध किया था। अखिलेश नहीं चाहते थे कि अतीक अहमद को टिकट दिया जाए। अतीक को लेकर चाचा-भतीजे के बीच विवाद हो गया था। दोनों के बीच खाईं इतनी गहरी हो गईं थीं कि शिवपाल ने सपा से किनारा कर लिया था।
अखिलेश यादव अभी अनाड़ी हैं
अतीक अहमद 03 जनवरी 2017 को कानपुर आया था। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा था कि “अखिलेश यादव कामयाब मुख्यमंत्री हैं। लेकिन अभी वो बहुत इम्तिहान से नहीं गुजरे हैं। नेताजी ने बहुत इंम्तिहान दिए हैं। अखिलेश यादव को लगता है, बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ लोग नेताजी के पास पहुंच जाते हैं, और कहते हैं कि अरे साहब अखिलेश यादव अभी बच्चे हैं और अनाड़ी हैं। उत्तर प्रदेश की भाषा में बोला जाता है कि लौंडे हैं। अतीक ने कहा था कि हमारे नेता मुलायम सिंह है। हमारी चाहत मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव हैं।”
निर्दलीय चुनाव लड़ने के लगे थे पोस्टर
अतीक ने कहा था कि मैं पार्टी बनाने की स्थिति में था, लेकिन पार्टी नहीं बनाई। हम लोग समाजवादी लोग हैं, मुलायम सिंह हमारे सबसे करीबी है। हम पार्टी बनाकर वोट का बटवारा नहीं चाहते है। यदि कैंट विधानसभा से टिकट कटी, तो मैं अपनी पार्टी बना लूंगा। अतीक ने कहा था कि कैंट विधानसभा क्षेत्र में पोस्टर लग रहे है कि आप निर्दलीय आओ हम आपको जिताएंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सहमती है। वर्ना वह अपनी लिस्ट में कैंट विधानसभा से नाम डिक्लियर कर देते।
साइकिल चुनाव चिह्न पर दी थी प्रक्रिया
साइकिल चुनाव चिह्न पर चल रहे विवाद पर बोलते हुए अतीक ने कहा था कि यह मेरे लिए सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है, जितने भी समाजवादी विचारधारा के लोग हैं, उनके लिए यह सबसे दुर्भाग्य का दिन है। कभी सोचा नहीं था यह चुनाव आयोग में जाएगा। निर्वाचन आयोग और कोर्ट भी कुछ नहीं कह सकते है। मुझे लग रहा है कि चुनाव तक सिंबल तय होने वाला नहीं।
मुझे नेताजी ने भेजा है
अतीक अहमद से पूछा गया था कि सिंबल का प्रत्याशियों पर क्या असर पड़ेगा, तो उन्होंने ने कहा कि बात सिंबल की नही हैं। सिंबल की शक्ल में लड़ाई मेरे नेता मुलायम सिंह यादव और हमारी पसंद मुख्यमंत्री के नाते अखिलेश यादव की है। अखिलेश यादव बहुत ही कामयाब मुख्यमंत्री है। हालांकि वह अभी बहुत इम्तिहान से नहीं गुजरे है, नेता जी ने बहुत इम्तिहान दिए है। उनका इम्तिहान आप के सामने है। मैं तो दोनों का प्रत्याशी हूं। अखिलेश यादव ने किसी का नाम डिक्लियर नहीं किया है और मुझे मुलायम सिंह ने भेजा है।
रामगोपाल को बताई थी वजह
सपा में चल रही अंतर्कलह पर अतीक अहमद ने बोलते हुए कहा था कि यह जो भी हुआ बहुत अफसोसजनक है। कई लोगों ने हमसे सवाल किया कि इसके पीछे कौन है। किसी ने किसी का नाम लिया कोई कह रहा कि राम गोपाल यादव कर रहे है। कोई कह रहा अमर सिंह कर रहें। हम एक बात कहना चाहते है कि अखिलेश मुख्यमंत्री बने।
Author: samachar
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