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अपराध

जेल में पति-पत्नी की अय्याशी के साथ अब्बास-निकहत का दाऊद कनेक्शन! ऐसे खुला राज….

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट  

पहले मुख्तार अंसारी, फिर बेटा अब्बास अंसारी अब बहू निकहत अंसारी भी पुलिस के साथ खेल खेलने में एक्सपर्ट हो चुकी है। निकहत पिछले 2 महीने से लगातार जेल को अपना बेडरूम बनाकर बैठी हुई थी। पति के साथ वो रोज घंटों वहां बिताती। जेल में पति-पत्नी की अय्याशी के साथ-साथ चल रहा था एक और खेल। निकहत के आईफोन से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

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निकहत अंसारी ने खोले कई राज

मध्यप्रदेश की चित्रकूट जेल 18 दिसंबर से मुख्तार अंसारी के बेटे और बहू का बेडरूम बना हुआ था। पति जेल में बंद था निकहत भी अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर 18 दिसंबर को चित्रकूट चली आई और फिर शुरू हुआ रोज बिना परमिशन के जेल में पति के साथ घंटों बिताना। अधिकारियों को रिश्वत देकर पिछले करीब दो महीने से खुलेआम ये चल रहा था। दोपहर करीब 12 बजे के आसपास निकहत हर रोज जेल में आ जाती और फिर दोनों जेलर के कमरे को ही अपना बेडरूम बना लेते। निकहत के साथ उसका ड्राइवर नियाज भी आता।

निकहत के आईफोन सामने आई सच्चाई

10 फरवरी के दिन जब निकहत रंगे हाथों जेल में हुई रेड में पकड़ी गयी तो ये हकीकत दुनिया के सामने आई। निकहत और उसके ड्राइवर नियाज को पांच दिन की पुलिस रिमांड में रखा गया तो कई और राज खुलते चले गए। दरअसल जब जेल में रेड हुई तो निकहत ने अपने आईफोन को लॉक कर दिया था और पुलिस वालों के पूछने पर भी फोन का पासवर्ड नहीं बताया, लेकिन पुलिस रिमांड में आखिरकार उसे पासवर्ड देना ही पड़ा। निकहत के आईफोन में पुलिस को कई विदेशी नंबर मिले जिनपर लगातार जेल से बात हो रही थी।

जेल से अब्बास ने किए थे विदेश में फोन

ये नंबर थे युएई और सऊदी अरब के। इन नंबरों पर कई-कई बार बात हुई थी। पुलिस ने निकहत इन नंबरों के बारे में जानकारी चाही, लेकिन वो बताने से साफ मुकरती रही। पुलिस रिमांड में निकहत लगातार पुलिस के सवालों के जवाब देने से बच रही थी। हालांकि बार-बार पूछने पर निकहत ने कहा कि उसे इन नंबरों की जानकारी नहीं है। निकहत के ड्राइवर नियाज से भी इन विदेशी नंबरों की जानकारी मांगी गई, लेकिन उसे भी कुछ नहीं पता था। यानी ये साफ था कि जेल में इन नंबरों पर अब्बास अंसारी ने ही बात की है।

क्या दाऊद के टच में है अब्बास अंसारी?

दरअसल पुलिस को शक है कि अब्बास अंसारी दुबई में दाऊद से टच में है और इन नंबरों का कहीं न कहीं इसी बात से लेना देना है। गिरफ्तारी के वक्त निकहत के पास से कुछ विदेशी करंसी भी बरामद हुई थी। पुलिस ने निकहत से ये सवाल पूछा था कि उसके पास ये विदेशी करंसी कहां से आई। कौन है जो विदेश में उनकी मदद कर रहा है। कौन है जो मुख्तार अंसारी और उनके बेटे अब्बास अंसारी को फॉरन फंडिंग कर रहा है। निकहत इस सवाल को सुनकर सकपका गई। नियाज ने इस बारे में कुछ जानकारी दी है और विदेश में कुछ लोगों के नंबर भी दिए। पुलिस अब इन लोगों से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।

फेस ऐप के जरिए दुबई में लोगों से जुड़ता था अब्बास!

पुलिस का मानना है कि अब्बास अंसारी आईफोन के फेस एप के जरिए दुबई में लोगों से कॉन्टेक्ट कर रहा था। अब्बास की जेल से बाहर भागने की प्लानिंग थी और इस काम में उसे विदेशों से ही मदद मिलने वाली थी। निकहत की सोमवार को पुलिस रिमांड खत्म हो चुकी है। हालांकि इस मामले एक और नया नाम सामने आया है चित्रकूट में समाजवादी पार्टी के महासचिव फराज खान का। निकहत के चित्रकूट में रहने से लेकर जेल में सेटिंग करवाने तक का सारा काम फराज ने ही किया था। फराज के अकाउंट में बाहर से पैसा आता था और वही जेल अधिकारियों और वकीलों को सेटिंग के लिए सारा पैसा देता था। निकहत से पूछताछ के दौरान ही फराज का नाम सामने आया था।

फराज खान ने किया सरेंडर

अब पुलिस फराज से विदेशी नंबरों को लेकर जुड़े सारे राज जानना चाहती। इस खबर के बाद पहले तो फराज फरार हो गया था, लेकिन आज उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। माना जा रहा है कि फराज के पास दुबई और सऊदी से जुड़े नंबरों को लेकर जानकारी जरूर होगी। इससे ये भी साफ होगा कि क्या दाऊद की डी कंपनी कहीं अब्बास को फंडिंग तो नहीं कर रही। वही निकहत पुलिस रिमांड खत्म हो चुकी है तो उसे चित्रकूट जेल में ही न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

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