कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उरई जालौन। अजनारी के रहने वाले गरीब जमुनादास पुत्र श्री राम भरोसे निवासी ग्राम अजनारी परगना उरई जिला जालौन के कथनानुसार अजनारी रोड पर 20+40 का प्लाट बलराम प्रजापति व भगवती प्रसाद पुत्र गढ़ कालीचरण निवासी ग्राम अजनारी परगना उरई जिला जालौन से ₹15000 में दिनांक 22/08/1995 मैं रजिस्टर्ड बैनामा के माध्यम से खरीदा था तथा मौके पर कब्जा प्राप्त किया था जिसकी पैमाइश पूरब से पश्चिम 40 फीट एवं उत्तर से दक्षिण 20 फीट स्थित है चौहद्दी पूर्व में रास्ता पुख्ता उरई से कोटा वाली पश्चिम में प्लाट 20 +40 दक्षिण रास्ता 12 फीट स्थित है जिसके उपरांत पीड़ित परिवार के द्वारा बनाया हुआ एक कमरा स्थित था। लेकिन अपनी मजदूरी एवं रोजगार हेतु कार्य करने चला गया। उसी दौरान मेरे ही गांव के रहने वाले परमेश्वरी दयाल उर्फ बंटी कुशवाहा पुत्र लक्ष्मी निवासी ग्राम अजनारी के द्वारा पारिवारिक विवाद होने से क्षुब्ध होकर अपनी मजबूरी बताते हुए जमुनादास पुत्र राम भरोसे से आग्रह किया कि मेरे घर में विवाद चल रहा है और मेरे लिए रहने का ठिकाना नहीं है। यदि आप अपने प्लाट पर हमारे बच्चों को रहने के लिए दे देंगे तो हमारी परेशानी दूर हो जाएगी। उसी दौरान जमुना दास ने अपने प्लाट पर रहने की अनुमति परमेश्वरी दयाल उर्फ बंटे कुशवाहा पुत्र लक्ष्मी को रहने के लिए अपना प्लाट दे दिया था।
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धीरे-धीरे समय लगभग समय 5 वर्ष बीत गया। जब जमुनादास ने अपने प्लाट को खाली करने के लिए कहा तो परमेश्वरी दयाल कुशवाहा षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर गुंडागर्दी करते हैं और मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हैं। इसकी शिकायत जमुना दास ने कई प्रार्थना पत्र देकर कोतवाली उरई तथा डिप्टी गंज चौकी पर दिए लेकिन पुलिस के द्वारा पीड़ित के पक्ष में कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि मेरे ऊपर ही चौकी इंचार्ज के द्वारा गलत तरीके से षड्यंत्र के तहत मुकदमा लिख कर चालान कर दिया गया था। मेरे पास कोई आय का जरिया ना होने के कारण पैसे से कमजोर हैं। इसलिए किराए के मकान में बच्चों को लेकर जीवन यापन करने को मजबूर है। संबंधित थाने में मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है जबकि दबंग परमेश्वरी दयाल कुशवाहा लगातार मेरे प्लाट पर अवैध निर्माण करा कर महिलाओं का सहारा लेकर पीड़ित परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."