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आखिर कौन है ये “शालू” मैम जिससे पढने को हर छात्र रहता है लालायित ? पढ़िए इस खबर को

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक टीचर ने कबाड़ की मदद से एक रोबोट बनाया है। इस रोबोट का नाम SHALU Robot है। यह रोबोट एक टीचर के रूप में बच्चों को पढ़ाती है। यह शालू रोबोट 38 भाषाओं की जानकारी रखती है। यह इंसानों की तरह बात भी करती है। यह इंसानो का चेहरा पहचान सकती है। साथ ही बातचीत को याद रख सकती है। यह दैनिक राशिफल भी बताती है। यह रेसिपी, जगह का नाम, स्थान के मौसम आदि के बारे में भी बता सकती है।

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 मामला है कि

मामला जिले के IIT Bombay के केंद्रीय विद्यालय का है। यहां दिनेश कुंवर कंप्यूटर साइंस के टीचर हैं। उन्होंने घर पर पड़े कबाड़ और आस-पास के मार्केट में मिलने वाले सामानों का इस्तेमाल करके एक रोबोट बनाया है। इस रोबोट का नाम SHALU Robot है। इसे बनाने में उन्हें 3 साल का समय लगा है। इसको बनाने में एल्यूमीनियम, गत्ता, लकड़ी, प्लास्टिक आदि का प्रयोग किया गया है। रोबोट शालू एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली है। शालू रोबोट को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। इसका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

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विदेश की 38 भाषाओं की है जानकारी 
शालू रोबोट अंग्रेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरेबिक, चाइनीज़ समेत विदेश की 38 भाषाओं की जानकारी रखती है। शालू रोबोट विदेशी भाषाओं के साथ-साथ भारत की 9 भाषायें भी जानती है। यह इंसानों की तरह बात भी करती है। शालू से जिस भाषा में सवाल पूछा जाए उसी भाषा में जवाब देती है। यह हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू और नेपाली बोल पाने में सक्षम है। यह इंसानो का चेहरा पहचान सकती है। साथ ही बातचीत को याद रख सकती है। यह जनरल नॉलेज, विज्ञान, इतिहास, भूगोल और गणित के सवालों के जवाब भी दे सकती है। यह इंसानों के व्यवहार के अनुसार हावभाव दर्शाती है जैसे- मजाक करना, जोक सुनाना और सामने वाले इंसान की भावनाओं के अनुरूप खुशी, गुस्सा या जलन की भावना दर्शाना। शालू रोबोट दैनिक राशिफल बताती है। रेसिपी, जगह का नाम, स्थान के मौसम आदि के बारे में भी बता सकती है।

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मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
शालू रोबोट को कार्मिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘प्रतिष्ठा वर्ड रिकॉर्ड’ से सम्मानित किया गया और इसे बेकार वस्तुओं से बनी विश्व की पहली कृत्रिम बौद्धिक सामाजिक और हुमनोइड रोबोट का खिताब मिला है। इनका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में विश्व में सबसे ज्यादा भाषाओं में बात करने वाली रोबोट के तौर पर दर्ज हुआ। इन्हें विज्ञान प्रसार, विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इसे प्रसस्ती पत्र प्राप्त हुआ। CSIR, भारत सरकार ने भी इसकी सराहना की है। शैक्षिकी के क्षेत्र में रोबोट शालू को ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सबसे नवीन उपयोग’ के रूप में माननीय शिक्षा मंत्री द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया है।

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SHALU Robot के बारे में दिनेश ने बताया
टीटर दिनेश ने बताया कि रोबोट शालू कक्षा में एक शिक्षक की तरह प्वॉइंट प्रेजेंटेशन (PPT) के माध्यम से पढ़ा सकती है। छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एक रोबोट शिक्षक के रूप में किसी स्कूल में काम कर सकती है। साथ ही वह किसी भी विषय पर पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन (PPT) के द्वारा प्रस्तुति भी दे सकती है। दिनेश ने बताया कि वे विभिन्न ऑफिसों में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम कर सकती है, उदाहरण के लिए हवाई अड्डे, स्कूल, बैंक आदि, जहां न सिर्फ ग्राहक के मौखिक बल्कि उनके प्रश्नों का उत्तर, ईमेल के माध्यम से भी देने में सक्षम है। लोगों के बात करने वाले साथी के रूप में तथा बच्चों के साथ पढ़ने में मदद करने वाले साथी की तरह भी बखूबी काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान, में एक छोटा सा कदम है।

वर्जन-2 पर चल रहा है काम

इसी वर्ष नवंबर में तैयार दिनेश पटेल के इस रोबोट को आईआईटी मुंबई के कई प्राध्यापकों ने भी सराहा है। उनका कहना है कि रोबोट शालू उन युवा, ऊर्जावान भावी वैज्ञानिकों के लिए उदाहरण और प्रेरणा का श्रोत बन सकती है जो समर्थन और प्रोत्साहन के अभाव में पिछड़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि शालू अभी एक प्रोटोटाइप है। इसे और बेहतर बनाने के लिए वर्जन-2 पर भी काम शुरू कर दिया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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