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November 23, 2024 5:14 am

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हार्दिक पटेल के जन्मदिवस पर गुजरात के वनथल में नि:शुल्क नेत्र जांच व चश्मा वितरण

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वंदना नीलकंठ वासुकिया की रिपोर्ट 

वीरमगाम : आज पाश्चात्य संस्कृति का आंख मूंदकर अनुकरण कर जन्मदिन मनाने की बजाय प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार जन्मदिन मनाया जा रहा है. बुधवार को भाजपा के युवा नेता व विरमगाम के निवासी हार्दिक पटेल ने सेवा कार्य कर अनोखे अंदाज में अपना जन्मदिन मनाया। आंख को शरीर का अनमोल रत्न माना जाता है और आंखों से ही हम दुनिया को देख सकते हैं। लेकिन आंखों की देखभाल भी उतनी ही जरूरी है। अगर हम आंखों की देखभाल में लापरवाही बरतते रहे तो अंधापन भी हो सकता है।

हार्दिक पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर जन सेवाश्रम ट्रस्ट ने गुजरात के आनंद आश्रम वनथल में नि:शुल्क नेत्र जांच एवं आवश्यकतानुसार नि:शुल्क चश्मे का वितरण किया।

विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा 3000 से अधिक लाभार्थियों की जांच की गई और उन्हें आवश्यकतानुसार चश्मा प्रदान किया गया। लोगों को गंभीर नेत्र रोगों के निदान के बारे में जागरूक किया गया। लाभार्थियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई। इस कार्यक्रम में साधु संतों, भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, सामाजिक नेताओं सहित नलकांठा क्षेत्र के लाभार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

हार्दिक पटेल ने सीएमएम भारत से बातचीत में कहा कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर, मैंने वीरमगाम तालुका के वनथल गांव के आनंद आश्रम में आयोजित जनशिर्वाद सम्मेलन में भाग लिया और लोगों को संबोधित किया। मैंने हमेशा सत्य का अनुसरण करते हुए जनहित में कार्य किया है, किसी के कहने की चिंता किए बिना जनहित में क्या किया जा सकता है, उसके मार्ग का अनुसरण किया है। आज जन आशीर्वाद सभा में आए लोगों के उत्साह से एक बात तय हो गई है कि मैं सही रास्ते पर हूं। आज के कार्यक्रम में पूज्य संतश्री जानकीदास बापू, पूज्य संतश्री भार्गवदास बापू, पूज्य महंत श्री रामकुमारदास बापू, कथाकार पूज्य शास्त्रीजी और महंत श्री प्रभुदासजी ने विशेष रूप से भाग लिया। जनसेवा ही प्रभुसेवा को सार्थक करने मेरे जन्मदिन पर निःशुल्क नेत्र जांच और चश्मा वितरण शिविर शुरू किया।

इस शिविर से वनथल गांव के निकट 32 से अधिक गांवों के 3000 से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। यह क्षेत्र नलकांठा के नाम से जाना जाता है।यहां के लोग मेहनत, श्रम और कृषि को प्राथमिकता देते हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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