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November 2, 2024 8:54 am

कमाल है ; 354 बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बना, उपस्थित 182 बच्चों में 12 को खाना इसलिए नहीं मिला कि खाना खत्म हो गया था..

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : जिले के कांडी प्रखण्ड मुख्यालय स्थित राजकीय कृत जमा दो उच्च विद्यालय में शुक्रवार को पढ़ रही एक दर्जन छात्राओं को मध्यान भोजन खाने को नही मिला। यह खुलासा शुक्रवार को बीआरपी के निरीक्षण में पाया गया है, जिसको लेकर स्कूल के शिक्षकों ने एक आवेदन बीईईओ को दिए हैं।

आवेदन में जिक्र किया गया है कि उपस्थित सभी बच्चों को दोपहर का भोजन नही मिलता। आज 12 छात्राएं भोजन खाने से वंचित हो गयी। जबकि 354 बच्चों के लिए भोजन बना था, लेकिन बीआरपी सुनील कुमार के निरीक्षण में मात्र 182 बच्चे ही भोजन करने के लिए अपनी अपनी थाली लेकर बैठे थे। लेकिन 182 बच्चों में से भी 12 बच्चे खाने से वंचित रह गए। इस तरह की घोर लापरवाही को लेकर जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की गयी है।

आखिर नासमझ बच्चों ने किसका क्या बिगाड़ा है, जो इन नौनिहालों की हक को मारा जा रहा है। यदि सभी बच्चों को भोजन मिले, वहीं कुछ बच्चों को भोजन न मिले तो उस वक्त बच्चे कैसा अनुभव कर रहे होंगे ।

सरकार तो सरकारी विद्यालयों में सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध करवा रही है, जिससे गरीब के बेटे-बेटियां भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपने माँ-बाप के सपने को साकार करें, किन्तु यहां तो बच्चों के साथ हमेशा ही गलत होती है। आखिर नौनिहालों का हक छीनकर उनका नेवाला खाने वाला दोषी कौन है, यह भी विचाराधीन ही है। 

उक्त विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की उपस्थिति भी पूरी की पूरी दिखाई जाती है, जबकि कई बच्चों को भोजन नसीब ही नहीं हो पाता। आखिर बच्चों के साथ यहां अन्याय क्यों हो रहा है, यह सवाल विभाग पर भी खड़ा होता है। कुल उपस्थित बच्चों की संख्या 588 दिखाया गया। जबकि खाना खाने में नाम लिखाने वाले बच्चों की संख्या 354 बताया गया। जब बीआरपी सुनील कुमार ने खाना खाने वाले बच्चों की संख्या की गिनती स्वयं की तो यह संख्या लगभग 182 मिली। उसमें वैसे 12 छात्राएं भी पंक्ति में खाना खाने के लिए प्रतीक्षा में थीं, जिन्हें भोजन नसीब नहीं हो सका, भोजन कम पड़ गया जिनमें सोनाली कुमारी, संध्या कुमारी, आरती कुमारी, पुष्पा कुमारी सहित अन्य का नाम शामिल है।

मध्यान्ह भोजन खतम हो गया था तो इन बच्चियों को नहीं मिल पाया

सवाल यह कि उक्त दर्जन भर छात्राओं के साथ जो अन्याय हो रहा है, इसके लिए दोषी कौन है। यदि कोई दोषी है तो उन्हें, चिन्हित कर पदमुक्त कर या कोई कार्यवाई क्यों नहीं की जा रही है। बीईईओ को आवेदन देने वालों में सहायक शिक्षक महेन्द्र मिस्त्री, सहायक अध्यापक उदय राम, उमेश कुमार प्रसाद, सुनीता कुमारी, अवधेश मेहता, राजीव रंजन, नागेंद्र प्रसाद गुप्ता, उपेंद्र राम, आलोक कुमार, जय प्रकाश, सतेंद्र कुमार, नरेन्द्र कुमार मिश्र का नाम शामिल है। जिसे बीआरपी सुनील कुमार ने भी सीन कर सही ठहराया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."