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24 February 2025 1:34 am

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‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई एक शरीफ खानदान की बेटी से अकेले में मिलने की’ बोलकर लोगों ने दी ऐसी सजा जिसकी चर्चा हो रही सरेआम

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राजा कुमार साह की रिपोर्ट

तेतरिया (पूचं), कभी-कभी अपने आसपास हमलोग ऐसी घटना होते देखते हैं जो एकदम फिल्म की तरह लगती है। पूर्वी चंपारण के तेतरिया प्रखंड स्थित एक गांव में कुछ ऐसा ही हुआ। दुनिया की नजरों से बचकर अंधेरे में एक युवक अपनी प्रेमिका से मिलने उसके गांव आ पहुंचा। यहां तक तो सबकुछ सही हुआ। गड़बड़ी उस वक्त हुई जब युवती भी उस सुनी जगह पर पहुंची। प्रेमालाप से पहले ही एकसाथ गांव के कई लोग आ धमके। दोनों को अपने साथ लेकर बीच गांव में गए। खरी-खोटी सुनाई। दोनों की प्रेम कहानी सुनी और फिर इसकी सूचना संबंधित के अभिभावकों को भी दे दी। रात के अंधेरे में प्रेमी युगल के पकड़े जाने की सूचना फैलते ही पूरा गांव इकट्ठा हो गया। 

तेतरिया प्रखंड के मधुबन रीत गांव में कुछ समय पहले नजदीक के गांव बहुआरा भान से एक बरात आई थी। इस शादी को देखने को मधुबन रीत गांव की एक लड़की भी गई थी। वहां उसकी नजर दूल्हे के साथ डांस कर रहे रूपेश कुमार पर पड़ी। दोनों की नजरें चार हुईं। पहली नजर में ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे, लेकिन उनके पास वक्त बहुत कम था। इसलिए तय हुआ कि शेष बातें फोन पर होंगी। दोनों ने एक-दूसरे को नंबर दिया और वहां से अपनी राह चले गए। उस शादी के संपन्न होने के कुछ ही दिनों के बाद दोनों में बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। इस तरह दोनों का प्यार और परवान चढ़ने लगा। एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाई जाने लगीं। प्यार की डोर को और मजबूत करने के लिए दोनों ने मिलने का तय किया।

तय कार्यक्रम के अनुसार मधुबन थाना क्षेत्र के बहुआरा भान गांव का रूपेश कुमार तेतरिया प्रखंड के मधुबन रीत गांव की अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए मंगलवार की संध्या पहुंच गया। गांव की एक लड़की को सूनी जगह पर एक अनजान आदमी के साथ मिलते लोगों ने देख लिया। इसके बाद दोनों की कहानी सुनने तथा अभिभावकों की रजामंदी से दोनों की हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करा दी गई। इस नवविवाहित युगल को गांव के मुखिया प्रतिनिधि डा. मनोज कुमार, सरपंच प्रतिनिधि ब्रह्मदेव राय सहित अन्य लोगों ने आशीर्वाद दिया। बहरहाल यह अनोखी शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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