संवाददाता- विवेक चौबे
गढ़वा : जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बलियारी पंचायत के जमुआं गांव में ब्रह्म बाबा स्थान पर लगाया गया जलमीनार पिछले तीन महीने से बन्द पड़ा है। 14 वें वित्त से छः महीने पूर्व 2.49 लाख की लागत राशि से लगा था। जमीन में अधिक गहराई तक बोर नही होने के कारण गर्मी के मौसम में जलस्तर सूख गया, जिस कारण जलमीनार पानी देना बंद कर दिया।
उक्त जलमीनार से वहां के दर्जनों घर के लोग पानी का उपयोग करते थे। साथ ही राहगीरों को भी पानी पीने के लिए सुविधा थी। इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों में उफान सा आ गया है। कभी इस गली में तो कभी उस गली में कोई न कोई अपने आप को समाजसेवी कहते हुए वोट मांगने का काम करते देखे जा रहे हैं। केवल इतना ही नहीं प्रत्याशी तो 5 वर्षों में केवल एक बार ही हाथ जोड़ते हैं, जब चुनाव आता है और जनता को लगातार 5 वर्षों तक हाथ जोड़ते रहना है जब तक उनका चप्पल घिस कर टूट न जाए। पंचायत में गांव की सरकार तो इसलिए बनाई जाती है कि गांव व मुहल्ले में विकास हो, किन्तु विकास के नाम पर खानापूर्ति करते नहीं थकते।
बलियारी पंचायत का एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ मुखिया ने जलमीनार लगवाया था, जो एक बूंद भी पानी टपकाने से असमर्थ है। ग्रामीणों ने बताया कि मात्र 20 फिट ही बोर है, जिसमें जलमीनार लगा दिया गया है। ग्रामीणों को उक्त जलमीनार से कोई लाभ नहीं है चुकी वह तो नुमाइश का एक साधन बन मंत्रमुग्ध स्थिति में खड़ा है। साथ ही सटे मुख्य सड़क से आवागमन करने वाले पथिक प्यास बुझाने को जलमीनार के पास जाते ही मायूस इस कदर हो जाते हैं जैसे विकास आंसू तो बहा ही रहा है, किन्तु जलमीनार पानी नहीं दे रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया के द्वारा 20 फिट गहरा बोर में तकरीबन 6 माह पूर्व जलमीनार लगवाया गया था। गर्मी में पानी का स्तर नीचे चला गया। 3 महीने से खराब जलमीनार पर मुखिया का ध्यान तो गया ही होगा, किन्तु शायद उन्होंने उसे उपयोगी बनाना मुनासिब नहीं समझा। फिर से चुनाव में वो आ गए। जनसम्पर्क कर रहे हैं कि मुझे समर्थन दीजिए, विकास होगा। अब जनता को पहेलियां समझना होगा। पहेलियां यह कि शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा फंसना मत। हालाकि जनता समझदार है, सब कुछ जानती है।
उक्त जलमीनार तीन महीने तो किसी प्रकार पानी दिया। गर्मी में पानी का स्तर नीचे चल जाने से अब वह जलमीनार एक बूंद भी पानी उगलने में आना-कानी कर रहा है। ग्रामीणों ने उक्त सभी बातों की जानकारी देते हुए कहा कि कब तक यह जलमीनार बनेगा, कोई उम्मीद तक नहीं है।
जलमीनार उपयोगी सिद्ध नहीं होने पर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित होने वालों में अरुण कुमार, विकाश कुमार, नीतीश कुमार, अजय कुमार, रोहित कुमार, गुड्डू कुमार, नीरज कुमार, छोटू कुमार, बीरेंद्र कुमार, नीरज कुमार चंद्रवंशी सहित दर्जनों लोगों का नाम शामिल है। वहीं इस संबंध में पूछने के लिए तकरीबन पौने दो बजे मोबाइल से कॉल किया गया, किन्तु मुखिया प्रतिनिधि सत्येंद्र साह ने कॉल रिसीव नहीं किया।
Author: samachar
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