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19 January 2025 10:42 am

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धूप की बेदर्द तपिश और भयंकर जलन से निजात मिलने की आई अब मामूली राहत की खबर

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ , भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के पास पहुंच गया है। एक टर्फ रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए दक्षिण बिहार और उत्तरी झारखंड होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल तक जा रही है। ये मौसम पैरामीटर भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में प्री-मानसून गरज और गरज के साथ गतिविधियों को शुरू करने में सहायक हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश में गरज के साथ छिटपुट बरसात और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।

दो मई से पांच मई के बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली के एक या दो हिस्सों में हल्की धूल भरी आंधी या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना बनी है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं उत्तर भारत को राहत दे सकती हैं, प्री मानसून गतिविधियों को शुरू कर सकती हैं।

एक मार्च से 30 अप्रैल तक 32 प्रतिशत कम बरसात

मौसम विभाग के मुताबिक एक मार्च से 30 अप्रैल के बीच देश में 32 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है। उत्तर पश्चिम भारत में 86 प्रतिशत की कमी के साथ भारी बरसात की कमी रही। प्री-मानसून गतिविधियों की कमी के कारण अप्रैल के महीने में उत्तर पश्चिम भारत के दोनों हिस्सों में लू की स्थिति बनी रही। दरअसल, पिछले 122 वर्षों में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के लिए अप्रैल 2022 सबसे गर्म रहा है।

इस समय जो मौसमी परिस्थितियां बनी हुई हैं, पूर्वी हवा शुरू हो गई है। अलग-अलग मौसम की गतिविधियों के प्रभाव से तापमान कुछ हद तक गिर सकते हैं। भारत के गंगा के मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों से लू खत्म हो सकती है। मई का महीना उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के लिए सबसे गर्म महीनों में से एक माना जाता है। लेकिन हम मानसून पूर्व मौसम की गतिविधियों की उम्मीद करते हैं जो गर्म मौसम की स्थिति से कभी-कभार राहत दे सकती हैं।

उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्र पर पश्चिमी विक्षोभ देखा जा सकता है। एक टर्फ रेखा पश्चिम उत्तर प्रदेश से दक्षिण बिहार और उत्तरी झारखंड होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है। एक और निम्न दबाव की रेखा छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना और कर्नाटक होते हुए लक्षद्वीप तक फैली हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण मई चार मई को दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्र में विकसित हो सकता है। इसके प्रभाव में छह मई तक उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है।

गोरखपुर से खबर आ रही है कि पुरुवा हवाओं के आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण रविवार को सूरज का तेवर थोड़ा नरम रहा इसके चलते दिन अपेक्षाकृत औसत से ठंडा रहा रविवार को दिन का तापमान औसत से करीब 4 डिग्री सेल्सियस ठंडा था हालांकि सोमवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। कुछ स्थानों पर बूंदा बादी की संभावना है मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडे ने यह पूर्वानुमान जताते हुए बताया है कि दिन का तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है।

गर्मी से बेहाल लोगों के लिए रविवार का दिन थोड़ा राहत भरा रहा। मौसम विशेषज्ञ ने पूर्वानुमान जताया है कि सोमवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। कुछ स्थानों पर बूंदाबादी हो सकती है। दिन का अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है और न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना है।

पिछले कई दिनों से गर्म हवाओं के झोंकों वाह चिलचिलाती धूप ने लोगों को बेहाल कर रखा था। दोपहर 12:00 बजे के बाद लोग सड़कों पर निकलने की बमुश्किल हिम्मत जुटा पा रहे थे। खुले आसमान के नीचे जाते ही बदन पूरी तरह से झुलसने लग रहा था। चटक धूप में 10 मिनट भी खड़ा होना लोगों पर भारी पड़ रहा था। ऐसे में लोग सड़क किनारे छांव की तलाश करते देखे जा रहे थे। ऐसे में रविवार को दिन का अधिकतम तापमान लोगों के लिए थोड़ा सामान्य रहा। दिन का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस रहा।

यह मई के औसत से करीब चार डिग्री सेल्सियस कम है, जबकि रात का तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह मई के औसत तापमान से करीब 2.0 डिग्री सेल्सियस कम है। बता दें मई माह का औसत अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस है। मई माह में औसत वर्षा 45.2 मिलीमीटर है। गोरखपुर में रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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