हरजिंदर सिंह की रिपोर्ट
राजसमंद। राजस्थान में जन्म के बाद नवजात बेटियों को छोड़ने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को राजसमंद में नेशनल हाईवे-8 के पब्लिक टॉयलेट में जुड़वां बच्चियां मिलने से हड़कंप मच गया। विडंबना यह है कि जब इन बच्चियों को उनकी मां की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उसी समय उन्हें छोड़ दिया गया। दरअसल, दोनों बच्चियों में एक वजन 1 किलो और दूसरी का वजन मात्र 800 ग्राम है। डॉक्टरों के मुताबिक इस नाजुक हालत में यदि उन्हें मां का दूध मिलता तो वे न सिर्फ बीमारी से लड़तीं और बल्कि स्वस्थ्य होकर सुरक्षित साये में दुनिया देखती। दोनों का जन्म 24 घंटे पहले ही हुआ है। बच्चियों की हालत नाजुक है। अभी राजसमंद के आरके अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इसके बाद उन्हें उदयपुर रेफर किया जाएगा।
दरअसल, बुधवार सुबह गोमती- उदयपुर के धानीन के पब्लिक टॉयलेट में स्वीपर जब सुबह 8:30 टॉयलेट की सफाई करने आया तो वहां बच्चियों के रोने की आवाज आ रही थी। अंदर जाकर देखा तो बच्चियां एक कंबल में लिपटी थी। स्वीपर ने इसकी सूचना टोल के कंट्रोल रूम को दी। केलवा थाना अधिकारी को भी इसकी जानकारी दी गई। दोनों बच्चियों को आरके अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
एक दिन पहले हुआ था जन्म
मेडिकल ऑफिसर के अनुसार इन दोनों का जन्म 24 घंटे के भीतर हुआ है। जिला अस्पताल (आरके) के पीएमओ डॉ ललित पुरोहित ने बताया कि 2 नवजात शिशु को टोल कर्मियों ने अस्पताल पहुंचाया है। इनकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। वजन काफी कम है। स्वास्थ्य में सुधार होने पर उदयपुर रेफर किया जाएगा। अस्पताल में बेबी मिल्क की व्यवस्था है। एक का वजन 800 ग्राम और दूसरे का वजन 1 किलो के आस-पास है। उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे जुड़वां होने की संभावना है। सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इधर, पुलिस भी आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की मदद से मां-बाप के बारे में जानकारी जुटा रही है।
Author: samachar
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