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“सतबहिनी झरना” जहां प्रकृति एक तरफ कौतूहल कर रही होती है तो आस्था कुलांचे भरती नज़र आ जाती है

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मुरारी पासवान रिपोर्ट

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ नववर्ष के मौके पर पिकनिक मनाने वालों की पहली पसंद बन चुका है। इस दिन स्थानीय गांवों के साथ जिले के विभिन्न भागों झारखंड सहित पड़ोसी राज्यों से काफी संख्या में पर्यटक सतबहिनी पहुंचते हैं।

छोटी पहाड़ी के ऊपर से सतबहिनी का मनोरम झरना लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यहां की सुंदर वादियां लोगों को लुभाती हैं। पर्यटकों को ऊंचे-नीचे पहाड़ के टीले, आसपास लगाये गये हरे पौधे, कल-कल करती बहती पंडी नदी और झर-झर झरते झरना की आवाज खूब आकर्षित करती हैं। यह झरना 20 से 25 फुट की ऊंचाई से गिरता है। इस झरने के नीचे कटोरा नुमा चट्टान है जो बालू से भरा रहता है। झरने के नीचे लोग घंटों खड़े होकर नहाते हैं और आनंद लेते हैं।

दिसंबर के अंतिम हफ्तों में यहां लोग अपना स्थान सुनिश्चित करने का प्रयास करते देखे जाते हैं। सतबहिनी का मनोरम झरना लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। साथ ही पत्थरों की सुंदर श्रृंखला, ऊंचे-नीचे टीलों बीहड़ों की अंतहीन श्रृंखला, टेढ़ी- मेढ़ी धार के साथ बहती पंडी नदी, चाेरांटी पहाड़ी का सुरम्य दृश्य लोगों का मन बरबस मोह लेते हैं।

सतबहिनी में किया गया पौधरोपण निकट में अवस्थित वनरोपण की हरियाली देखने लायक है। नदी की धारा में झरना के निकट अवस्थित सतबहिनी माता, महाकाली महालक्ष्मी के मंदिर, सुंदर सेतु मार्ग, झरना घाटी के उपर सूर्य मंदिर शिव मंदिर लोगों की आस्था के केंद्र हैं, जबकि सदियों पुरानी रहस्यमयी सात मंजिली साधना सह समाधि गुफा लोगों के कौतूहल का केंद्र है।

साथ ही झरना घाटी में निर्माणाधीन गणेश मंदिर, भैरवनाथ मंदिर सूर्य मंदिर के पीछे दो मंजिला मंदिर भी लोगों को आकर्षित करते हैं। आकर्षण के इन विभिन्न केंंद्रों को लेकर नववर्ष के साथ- साथ सालों भर काफी संख्या में पर्यटक सतबहिनी आया करते हैं।

पिकनिक के लिए सुविस्तृत क्षेत्र उपलब्ध है

सतबहिनी में सुंदर चट्‌टानों के साथ- साथ ऊंचे- नीचे टीलों की तलहटी में हजारों की संख्या में टोलियां पिकनिक मनाती नजर आती हैं। जगह- जगह डीजे की धुन पर लोगों को नाचते- गाते मनपसंद भोजन बनाते- खाते देखा जाता है। यहां पिकनिक मनाने के लिए दूर- दूर तक स्थान उपलब्ध है।

सतबहिनी जन आस्था का केंद्र बन गया है। यहां पर्यटक केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही बना सकते हैं। इसके अलावा मीठा भोजन करने को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। मांसाहारी व शराब के सेवन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।

पहुंचने का मार्ग

गढ़वा-मझिआंव लमारी- कांडी रोड पर लमारी स्टैंड से मात्र पांच किमी पूरब में सतबहिनी अवस्थित है। जबकि मोहम्मदगंज रेलवे स्टेशन से सात किमी पश्चिम प्रखंड मुख्यालय कांडी से दस किमी दक्षिण- पश्चिम में सतबहिनी झरना तीर्थ स्थित है।

छोटी पहाड़ी के ऊपर से सतबहिनी का मनोरम झरना लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यहां की सुंदर वादियां लोगों को लुभाती हैं। पर्यटकों को ऊंचे-नीचे पहाड़ के टीले, आसपास लगाये गये हरे पौधे, कल-कल करती बहती पंडी नदी और झर-झर झरते झरना की आवाज खूब आकर्षित करती हैं। यह झरना 20 से 25 फुट की ऊंचाई से गिरता है। इस झरने के नीचे कटोरा नुमा चट्टान है जो बालू से भरा रहता है। झरने के नीचे लोग घंटों खड़े होकर नहाते हैं और आनंद लेते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि बहती पवित्र पंडी नदी में स्नान करके पूरी श्रद्धा से मांगी गयी हर मन्नत अवश्य पूरी होती है। यहां के लोगों ने चंदा इकठ्ठा कर कई मंदिरों का निर्माण करवाया है। अब यहां साल में 5 बार मेला लगता है। मेले में एक दिन में 70 हजार लोगों की भीड़ इक्ट्ठा होती है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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