
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
बदायूं में आंबेडकर जयंती के अवसर पर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी। पुलिस चौकी पर हमला, फर्नीचर तोड़फोड़ और हाईवे जाम की घटनाओं में 16 नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज। पढ़ें पूरी खबर।
बदायूं, उत्तर प्रदेश। आंबेडकर जयंती के अवसर पर बदायूं के सिविल लाइंस क्षेत्र में सोमवार को निकाले गए जुलूस के दौरान स्थिति अचानक तनावपूर्ण हो गई। पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति को लेकर भीड़ भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और राजमार्ग अवरुद्ध करने जैसी गंभीर घटनाएं सामने आईं।
दरअसल, एक महिला द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद, पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि, जब आंबेडकर जयंती का जुलूस उसी मार्ग से गुजरा, तो कुछ लोगों ने इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश व्यक्त किया और देखते ही देखते मामला हिंसक रूप धारण कर गया।
प्रदर्शनकारियों ने शहीद भगत सिंह पुलिस चौकी को बनाया निशाना
सिविल लाइंस थाने के प्रभारी मनोज कुमार सिंह के अनुसार, “हिरासत केवल पूछताछ के उद्देश्य से की गई थी। परंतु, जैसे ही जुलूस वहां से गुजरा, कुछ उपद्रवी तत्वों ने अचानक पुलिस चौकी पर हमला कर दिया। उन्होंने न केवल फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया, बल्कि महत्वपूर्ण सरकारी रिकॉर्ड भी नष्ट कर डाले।”
इसके अलावा, एक डीजे वाहन पर भी पथराव किया गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। चौकी पर सीमित संख्या में तैनात पुलिसकर्मी टकराव से बचने के लिए अस्थायी रूप से पीछे हट गए।
हाईवे अवरुद्ध, यातायात बाधित
भीड़ का आक्रोश यहीं नहीं रुका। उन्होंने बरेली-आगरा राजमार्ग को लगभग एक घंटे तक अवरुद्ध कर दिया, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, सीसीटीवी फुटेज से होगी पहचान
पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए घटनास्थल की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। मनोज कुमार सिंह ने बताया कि,
“अब तक 16 नामजद और लगभग 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें दंगा फैलाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, और यातायात बाधित करना जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।”
गिरफ्तारी के प्रयास जारी, शांति बहाल करने के प्रयास
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं। वहीं, क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और लोगों से संयम बरतने की अपील की गई है।
आंबेडकर जयंती के इस आयोजन का उद्देश्य जहां सामाजिक सौहार्द बढ़ाना था, वहीं कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे हिंसक मोड़ दे दिया। प्रशासन की चुनौती अब कानून व्यवस्था बहाल करने और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने की है।