गोंडा जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक बेटे ने अपने मृत पिता की पेंशन पांच वर्षों तक उठाई। ₹16.33 लाख की धोखाधड़ी का हुआ खुलासा, केस दर्ज।
गोंडा न्यूज: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने कोषागार विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बहराइच जिले में मलेरिया इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए अमरनाथ सिंह की मृत्यु वर्ष 2020 में हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद उनका बेटा राम प्रताप सिंह पांच वर्षों तक पिता की पेंशन निकालता रहा। इस दौरान उसने करीब ₹16 लाख 33 हजार रुपये कोषागार से पेंशन के रूप में प्राप्त किए।
गोपनीय शिकायत के बाद हुआ खुलासा
दरअसल, 8 अप्रैल को कोषागार विभाग को एक गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई, जिसके बाद तहसीलदार तरबगंज के माध्यम से मामले की जांच कराई गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अमरनाथ सिंह का निधन वर्ष 2020 में हो चुका है, परंतु उनके उत्तराधिकारी राम प्रताप सिंह ने इस जानकारी कोषागार को नहीं दी और पेंशन की निकासी जारी रखी।
वर्षों तक चला फर्जीवाड़ा, विभाग को नहीं लगी भनक
इस धोखाधड़ी का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि पांच वर्षों तक कोषागार प्रशासन को इस घोटाले की भनक तक नहीं लगी। राम प्रताप सिंह द्वारा बिना किसी वैधानिक सूचना के पेंशन लेना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक भी है।
केस दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
मुख्य कोषाधिकारी श्यामलाल जायसवाल ने नगर कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी राम प्रताप सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
यह मामला न केवल व्यक्तिगत बेईमानी का उदाहरण है, बल्कि सरकारी तंत्र की निगरानी प्रणाली की कमजोरी को भी उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि आरोपी को कितनी शीघ्रता से न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलती है और प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट