इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर: अगर आपके पास भी कोई वरासतनामा या जमीन की रजिस्ट्री है तो दस्तावेज में लगे स्टांप की जांच करा लीजिए। दरअसल, 84 साल के एक जालसाज ने एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा के नकली स्टांप पेपर छापकर कइयों के दस्तावजे को शक के दायरे में ला दिया है।
मोहम्मद कमरुद्दीन नाम के इस शख्स का राजफाश किया है गोरखपुर पुलिस ने। इस बुजुर्ग ने यह हुनर अपने ससुर से सीखा। फिर अपने गुनाह में नाती को भी शामिल कर लिया।
बिहार से नाता रखने वाले इस गैंग के पास से नकली स्टांप पेपर छापने की मशीन, सांचे, कलर प्रिंटर और एक करोड़ से भी ज्यादा के फर्जी स्टांप शुल्क पेपर बरामद हुए हैं। इस गैंग का हिस्सा रहे गोरखपुर के एक वकील को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है। यह मामला सामने आने के बाद लोगों को बहुचर्चित तेलगी घोटाले की याद आ गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि कैंट पुलिस और एसओजी की टीम ने फर्जी स्टांप मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी 84 साल का मोहम्मद कमरुद्दीन है जो सिवान का निवासी है। वह 1986 और 2014 में भी जेल जा चुका है।
वह 40 सालों से सिर्फ गोरखपुर नहीं बल्कि देवरिया और कुशीनगर में भी यह गोरखधंधा चला रहा था। इसके छापे स्टांप से यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन सा पेपर असली है और कौन सा नकली।
यह मामला तब पकड़ में आया जब सुलहनामा के बाद एक स्टांप पेपर रजिस्टार ऑफिस में जमा हुआ। जब शक होने पर उसकी जांच कराई गई तो जांचकर्ताओं के होश उड़ गए और पुलिस के हाथ इतनी बड़ी जानकारी लगी।
5-5 हजार के दस स्टांप पेपर मिले फर्जी
एसएसपी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। फर्जी स्टांप सदर तहसील गोरखपुर के कोषागार से जारी न होने के कारण उसकी जांच नासिक प्रयोगशाला से कराई गई। 5-5 हजार के दस स्टांप पेपर (कुल 50 हजार के) फर्जी पाये गए। इस गैंग में शामिल आरोपी वकील रवि दत्त मिश्रा को गत जनवरी में जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ में पता चला कि इस सीरीज के जितने भी स्टांप जारी किए गए थे उनका रिकॉर्ड नहीं है। इस गैंग के अन्य गुर्गों की तलाश चल रही है।
अब्दुल करीम तेलगी ने किया था 30 हजार करोड़ का घोटाला
आपको बता दें कि वर्ष 2003 में 30 हजार करोड़ के स्टांप घोटाले का मामला सामने आया था। मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी को 2007 में कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 30 साल की कैद और 202 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
तेलगी कर्नाटक का रहने वाला था। कोर्ट ने इस मामले में 43 अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई। इनमें अधिकतर वो लोग थे जिनको तेलगी ने फर्जी स्टांप बेचने के लिए हायर किया था। 2017 में जेल में सजा काटने के दौरान तेलगी की 56 साल की उम्र में मौत हो गई थी।