Explore

Search
Close this search box.

Search

December 14, 2024 5:52 am

लेटेस्ट न्यूज़

बहराइच हिंसा: 13 साल से रजिस्टर में दर्ज नहीं हुई कोई जानकारी, अफसरों की लापरवाही उजागर

27 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

बहराइच में हाल ही में हुए धार्मिक तनाव के बाद भड़की हिंसा ने लोगों के दिलों में गहरे घाव छोड़े हैं, जो आज भी ताजा हैं। इस हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के परिजन अभी भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। हिंसा फैलाने और राम गोपाल की हत्या के आरोप में पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें से दो को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई है।

तफ्तीश के दौरान, यूपी तक की टीम को इस मामले में एक बड़ी लापरवाही का सबूत मिला है, जो एक अहम सरकारी रजिस्टर से जुड़ा है। दरअसल, बहराइच के हरदी थाना, जो महाराजगंज इलाके में स्थित है और जहां हिंसा हुई, वहां के “त्योहार रजिस्टर” में पिछले 13 साल से किसी भी तरह की जानकारी दर्ज नहीं की गई है। यह रजिस्टर आखिरी बार 2011 में गणेश चतुर्थी के दौरान अपडेट किया गया था, और तब से लेकर अब तक 2024 तक किसी भी थानाध्यक्ष ने त्यौहारों से जुड़ी घटनाओं या सूचनाओं को दर्ज नहीं किया है।

त्यौहार रजिस्टर का महत्व

त्यौहार रजिस्टर एक विशेष दस्तावेज होता है, जिसमें हर थाने को अपने क्षेत्र में होने वाले त्योहारों और आयोजनों के दौरान की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्थाओं, गड़बड़ी फैलाने वालों के नाम, और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं दर्ज करनी होती हैं। इसमें त्यौहार के दौरान किस तरह की पुलिस फोर्स तैनात की गई, किसने गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की, और किन कमियों को सुधारने की जरूरत है, यह सब दर्ज होता है।

मुआयनों के दौरान सीओ, एडीशनल एसपी से लेकर जिले के एसपी इस रजिस्टर की चेकिंग करते हैं। लेकिन बहराइच के हरदी थाने के त्योहार रजिस्टर में 13 साल से कोई जानकारी नहीं होने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस दौरान किसी अफसर ने थाने का निरीक्षण भी नहीं किया?

इस संबंध में, बहराइच की वर्तमान एसपी वृंदा शुक्ला, जो पिछले 9 महीने से इस पद पर हैं, ने भी इस रजिस्टर को चेक करने की जहमत नहीं उठाई। यह मुद्दा तब और गंभीर हो गया जब सीओ महसी, रूपेंद्र गौड़ ने 12 सितम्बर 2024 को इस लापरवाही की जानकारी एसपी को दी।

अन्य लापरवाहियाँ

हिंसा के बाद बहराइच पुलिस लाइन में एंटी-रायट (दंगा-रोधी) उपकरण भी चालू स्थिति में नहीं मिले। इन उपकरणों का समय पर निरीक्षण नहीं किया गया था और न ही कभी एंटी-रायट ड्रिल की गई थी। इस बड़ी चूक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी गई है, और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ इंटेलिजेंस विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में इस लापरवाही का उल्लेख किया है। माना जा रहा है कि इस संबंध में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।

इस प्रकार बहराइच में हुए इस मामले ने पुलिस प्रशासन के कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके जवाब अभी भी अधूरे हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़