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धर्म आधारित आरक्षण पर टकराव: क्या कांग्रेस से दूर हो रहे अखिलेश?

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“कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मुस्लिम आरक्षण फैसले पर अखिलेश यादव ने जताई असहमति। क्या सपा-कांग्रेस के रिश्तों में आई दरार? जानिए पूरा मामला।”

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण देने के फैसले ने देशभर में बहस छेड़ दी है। यह मामला अब कर्नाटक से होते हुए दिल्ली और लखनऊ तक पहुंच गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से अलग रुख अपनाते हुए स्पष्ट रूप से धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया है।

क्या बोले अखिलेश यादव?

मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा,

“हम जाति जनगणना के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि पिछड़े और दलित समुदायों को आरक्षण मिले। साथ ही, समाज के जो वर्ग बहुत पीछे छूट गए हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि जाति जनगणना की लड़ाई लंबी है और यही वजह है कि अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। उनका मानना है कि जब जाति जनगणना होगी, तो कई अहम सवाल उठेंगे। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि “धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।”

योगी सरकार के 8 साल पूरे होने पर सपा प्रमुख का हमला

योगी आदित्यनाथ सरकार के 8 साल पूरे होने पर अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों और कानून व्यवस्था पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,

“8 साल की खुशियां मनाने की क्या जरूरत है, जब उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है?”

उन्होंने सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कई घटनाओं का जिक्र किया। अखिलेश ने कहा,

“जिस शहर से मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, वहीं एक महिला के साथ लूट, बलात्कार और हत्या की घटना हुई। सरकार ने अपने ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दिखाने के लिए एनकाउंटर कर दिया, लेकिन उसी दिन लखनऊ में एक और महिला को गोली मार दी गई।”

उन्होंने बलिया जिले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि “एक बेटी के हाथ बांधकर उसे पेड़ से लटका दिया गया, लेकिन सरकार इन घटनाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।”

महिला सुरक्षा के मामले में यूपी की हालत बदतर

अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि

“महिलाओं की सुरक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे खराब है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा के ही आंकड़ों के मुताबिक,

“अगर देश में बेटियां सबसे ज्यादा कहीं असुरक्षित हैं, तो वह उत्तर प्रदेश है।”

इसके अलावा, साइबर क्राइम की घटनाओं में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।

अखिलेश यादव ने कर्नाटक सरकार के धर्म आधारित आरक्षण नीति का विरोध किया और जाति जनगणना की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह मुद्दा कितना प्रभाव डालता है और विभिन्न राजनीतिक दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं।

➡️अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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