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22 January 2025 5:15 pm

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करोड़ों की ठगी का खुलासा, लोन दिलाने के नाम पर किया फर्जीवाड़ा

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

गोंडा जिले से एक बड़ा ठगी का मामला सामने आया है। “जीवन समृद्धि निधि लिमिटेड” के एमडी संतोष कुमार पर आरोप है कि उसने लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है। पीड़ितों का आरोप है कि संतोष कुमार खुद को केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार बताकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाता है।

कैसे हुई ठगी?

पीड़ित कमलेश कुमार के अनुसार, उन्होंने 20 लाख रुपये का लोन जीवन समृद्धि निधि लिमिटेड के जरिए अप्लाई किया था। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद एमडी संतोष कुमार ने 20 दिन में लोन देने का आश्वासन दिया। इसके बदले उसने 75,000 रुपये की फीस मांगी, जिसे बैंक खाते और नकद के माध्यम से दिया गया। संतोष कुमार ने यह वादा किया था कि यदि लोन किसी कारण कैंसिल होता है, तो 5% ब्याज दर के साथ राशि लौटाई जाएगी।

लेकिन एक साल बीतने के बावजूद न तो लोन की रकम मिली और न ही जमा की गई राशि वापस की गई। पीड़ित लगातार गोंडा और पीलीभीत से बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें धमकियां और अभद्र भाषा का सामना करना पड़ रहा है।

एमडी संतोष कुमार का रवैया

मीडिया कर्मियों ने जब संतोष कुमार से बात करने की कोशिश की, तो उसने कहा, “तुम जैसे लोग बहुत फोन करते हैं, जो करना हो कर लो।” इस प्रकार का रवैया दर्शाता है कि उसे किसी कानून या प्रशासन का कोई डर नहीं है।

सत्ताधारियों का नाम लेकर ठगी

जांच में सामने आया है कि संतोष कुमार अपने आपको केंद्रीय विदेश मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का रिश्तेदार बताता है। मंत्री के नाम और उनके गोंडा स्थित कॉम्प्लेक्स का हवाला देकर वह लोगों को डराता और ठगता है।

भ्रष्टाचार का बढ़ता ग्राफ

उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद, इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन क्षेत्रीय रसूखदार और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

पीड़ितों की अपील

पीड़ित परिवारों ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन इस मामले की तत्काल जांच कराए और ठगे गए पैसे वापस दिलाए। साथ ही, संतोष कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि अन्य लोग उसके जाल में न फंसें।

क्या कहना है विशेषज्ञों का?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार जनता के विश्वास को तोड़ते हैं और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि समय रहते इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है।

यह मामला न केवल ठगी का है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग कर जनता को गुमराह किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को इस मामले में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

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