संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर जिला अस्पताल अपने अजीबो-गरीब मामलों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है। हाल ही में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
बुधवार को, एक व्यक्ति जिसका नाम सरजू प्रसाद है, को मृत घोषित कर दिया गया और उसका डेथ मेमो जारी कर दिया गया। लेकिन जब मोहल्ले वाले अस्पताल पहुंचे, तो सरजू अपने बेड पर जीवित पाया गया।
यह घटना पिछले एक सप्ताह में दूसरी बार घटी है। अब अस्पताल प्रशासन इस गंभीर मामले की जांच कराने की बात कर रहा है।
यह मामला गोरखपुर जिला अस्पताल के मेल वार्ड का है। पिछले सप्ताह सरजू प्रसाद को पहली बार मृत घोषित किया गया था।
कोतवाली थाना क्षेत्र के चौरहिया गोला का रहने वाला 65 वर्षीय सरजू प्रसाद घर में अकेला रहता है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। अगले दिन अस्पताल ने सूचना दी कि सरजू की मौत हो गई है।
जब मोहल्ले वाले अस्पताल पहुंचे, तो पता चला कि सरजू जीवित है और किसी अन्य व्यक्ति का डेथ मेमो गलती से उसके नाम पर जारी कर दिया गया था। हंगामे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामला शांत कराया।
बुधवार रात को, सरजू की मौत की खबर फिर से आई। मोहल्ले वाले और उसकी बहन अस्पताल पहुंचे। मोर्चरी में जाकर देखा तो सरजू की बॉडी वहां नहीं थी।
वार्ड में जाकर चेक किया गया तो सरजू अपने बेड पर फिर से जीवित मिला। इस बार भी हंगामे के बाद पहुंचे एसआईसी ने कहा कि यह स्टाफ की बड़ी लापरवाही है।
अस्पताल में दो अज्ञात व्यक्तियों को भर्ती किया गया था, जिनमें से एक की मौत हो गई थी। गलती से मृतक का डेथ मेमो सरजू के नाम पर जारी कर दिया गया। एसआईसी ने इसे स्टाफ की लापरवाही मानते हुए जांच की बात की है।
अस्पताल कर्मचारियों ने सरजू की बहन और मोहल्ले वालों से माफी मांगी। इससे पहले भी अस्पताल में कई बार कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हास्यास्पद स्थितियाँ बन चुकी हैं।
एसआईसी ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी जांच करवाई जाएगी।
लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बार की गलती माफ की जा सकती है, लेकिन यदि वही गलती दो बार हो जाए तो यह अक्षम्य है।
Author: samachar
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