सीतापुर

एक घर में कैसे हो गया 6 कत्ल… नए नए राज जब खुले तो पुलिस के भी उड़ गए तोते

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उसे जलन थी कि उसके सगे भाई का परिवार इतना खुशहाल क्यों है? सनक थी कि 35 लाख का वो कर्ज एक बार में चुकाने की उसकी बात सुनी क्यों नहीं जाती? लालच था कि करोड़ों की इस प्रॉपर्टी का बंटवारा क्यों नहीं होता? और फिर, उसके दिमाग में जन्म लेती है एक खौफनाक साजिश। साजिश- पूरे परिवार को खत्म करने की। सबको रास्ते से हटाकर करोड़ों का मालिक बनने की। वो एक खतरनाक प्लान तैयार करता है। परिवार के 6 लोगों का बेरहमी से कत्ल करता है। झूठ से भरी एक कहानी तैयार करता है। लेकिन, कहते हैं कि कातिल कितना ही शातिर क्यों ना हो, कानून के शिकंजे में फंस ही जाता है। अजीत सिंह भी अपने ही बुने जाल में कुछ इसी तरह फंस गया।

बात हो रही है यूपी के सीतापुर में पल्हापुर गांव के उस हत्याकांड की, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। परिवार के बड़े बेटे अजीत ने संपत्ति के लालच में अपने छोटे भाई अनुराग का हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया। सनक ऐसी कि सामने आई मां को भी गोली मारने से उसके हाथ नहीं कांपे। हैवानियत इस कदर कि मासूम बच्चों को उसने छत से नीचे पटककर मार डाला। अब जब, उसकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है, तो अजीत की काली करतूतों की कहानियां एक-एक कर बाहर आ रही हैं। उसने अपने भाई की पत्नी प्रियंका और उनके बच्चों को मारने के लिए भी एक खतरनाक साजिश रची थी।

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पुलिस को दिए बयान में अजीत सिंह ने बताया कि उस रात उसके भाई अनुराग के बच्चे और पत्नी प्रियंका अपने कमरे में सोए हुए थे। अजीत ने उन्हें कमरे से निकालने के लिए बाहर से एसी का तार काट दिया। गर्मी लगने पर प्रियंका अपने बच्चों को लेकर सोने के लिए छत पर चली जाती है। इसके बाद अजीत वहां पहुंचता है और प्रियंका से पूछता है कि वो किसान क्रेडिट कार्ड के 35 लाख रुपए जमा करेंगे या नहीं? प्रियंका बोलती है कि फसल बिकने पर पूरे परिवार के सामने बैठकर इसपर बात होगी। उसकी बात सुनकर अजीत गुस्से में भर जाता है और प्रियंका को गोली मार देता है।

शोर सुनकर जागी बेटी, तो उसकी भी ले ली जान

इतने से भी उसकी हैवानियत कम नहीं होती और वो हथौड़े से प्रियंका के सिर पर वार करता है। लहूलुहान प्रियंका मौके पर ही दम तोड़ देती है। इस बीच अपनी मां की चीख सुनकर अनुराग की बड़ी बेटी जाग जाती है, तो अजीत उसके ऊपर भी गोली चला देता है। उसके सिर पर खून सवार था। गोली मारने के बाद वो अनुराग की बेटी को छत से नीचे फेंक देता है। इसके बाद उसकी नजर पड़ती है, अनुराग के बाकी दोनों बच्चों पर, जो गहरी नींद में सोए थे। वो एक-एक कर उन्हें उठाता है और छत से नीचें फेंककर उनकी जान ले लेता है।

अजीत को खलती थी अनुराग के परिवार की खुशी

अजीत के बारे में पूछताछ से पता चला है कि वो अपने भाई अनुराग के परिवार से एक जलन रखता था। अनुराग ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी पढ़ाई के लिए उन्हें सारी सुख-सुविधाएं दी हुईं थी। उसके बच्चे लखनऊ के एक बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। पढ़ाई में किसी तरह की कोई कमी ना आए, इसलिए उसने अपने परिवार के लिए लखनऊ में ही फ्लैट ले लिया। अनुराग की पत्नी भी लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। बताया जा रहा है कि इन सबसे अजीत बहुत जलता था। कोई अगर उससे अनुराग या उसकी फैमिली के बारे में जिक्र भी करता, तो वो बात बदल देता।

पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस हत्याकांड के लिए अजीत ने पूरी प्लानिंग तैयार की थी। जिस स्कूल में सहायक अध्यापक के तौर पर वो नौकरी करता है, वहां से उसने पहले ही शनिवार की छुट्टी ले ली थी। यही नहीं, परिवार के 6 लोगों के कत्ल को अंजाम देने से पहले उसने अपनी बीवी को बच्चों के साथ उसके मायके भेज दिया। मंगलवार को पुलिस ने क्राइम सीन को दोहराया, तो अजीत की एक-एक करतूत की कड़ी खुल गई। इस बीच, इस केस का एक ऐसा सच भी सामने आया, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

दरअसल, शनिवार सुबह घर के अंदर 6 लोगों की लाशें मिलने के बाद पुलिस की तरफ से बताया गया कि अनुराग सिंह ने ही परिवार के बाकी लोगों की जान ली है। लेकिन जब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुद अनुराग को दो गोली लगने की पुष्टि हुई, तो पूरी कहानी बदल गई। तफ्तीश में सामने आया कि परिवार के 6 लोगों का कातिल अनुराग नहीं, बल्कि उनका बड़ा भाई अजीत है। अजीत ने तमंचे से इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया। उसने अपनी मां सावित्री, भाई अनुराग, उनकी पत्नी प्रियंका और बड़ी बेटी को गोली मारी, जबकि दो बच्चों को छत से नीचे फेंक दिया। ये तमंचा बाद में अनुराग के बेड के नीचे से बरामद किया गया। लेकिन अब, मामले में बड़ा मोड़ आ गया है।

तमंचे से नहीं, किसी और बंदूक से हुई फायरिंग

नए खुलासे में पता चला है कि अनुराग के बेड के नीचे से जो तमंचा बरामद हुआ है, उससे कोई गोली नहीं चली थी। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को मौके से 315 बोर का एक तमंचा मिला था। हालांकि, काफी खोजने के बाद भी घर से कोई कारतूस बरामद नहीं हुआ। शुरुआत में माना गया कि घर के लोगों की हत्याएं इसी तमंचे से की गई हैं। लेकिन अब, तफ्तीश में पता चला है कि इस तमंचे से कोई फायर ही नहीं हुआ। इसके बाद सवाल खड़ा होता है कि अगर फायर नहीं हुआ, तो ये अवैध तमंचा घर के अंदर कैसे आया। साथ ही घर के लोगों की हत्या किस असलहे से की गई और अब वो कहां है?

अजीत के ऊपर कैसे कसा शिकंजा

मामले में फिलहाल फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले अनुराग सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि उन्हें दो गोलियां लगी थी। पहली सिर में और दूसरी गर्दन में। इस रिपोर्ट के बाद ही वो कहानी झूठी साबित हुई, जिसमें कहा गया कि अनुराग ने परिवार के पांच लोगों की हत्या करने के बाद खुदकुशी की थी। पुलिस के दावे पर सवाल उठे कि खुदकुशी करने वाला इंसान अपने आप को दो गोली कैसे मार सकता है। इसके बाद जब पुलिस ने अजीत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो वो टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया।

क्या बाहर से बुलाए गए बदमाश?

पुलिस फिलहाल इस मामले की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। शक ये भी जताया जा रहा है कि अजीत ने परिवार की हत्या की सुपारी देकर बाहर से बदमाश बुलाए। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ भी पुख्ता नहीं कहा जा सकता। पुलिस ने मंगलवार को क्राइम सीन दोहराते वक्त बच्चों के वजन के तीन बोरे छत से नीचे फेंके और इसके बाद अजीत से कुछ सवाल पूछे। अभी तक की पूछताछ में यही बात सामने आ रही है कि अजीत ने परिवार की करोड़ों की संपत्ति कब्जाने के लिए कत्ल की इस वारदात को अंजाम दिया।

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"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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