परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
भारत में 9 अप्रैल यानी मंगलवार को ईद का चांद नजर नहीं आया है। इससे यह साफ हो गया है कि भारत में ईल-उल-फितर का त्योहार अब बुधवार 10 अप्रैल को नहीं बल्कि गुरुवार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा। वहीं सोमवार को सऊदी अरब ने ऐलान किया था कि ईद का त्योहार 10 अप्रैल को मनाया जाएगा। इससे भी अंदाजा लगाया गया था कि भारत में ईद सऊदी अरब से एक दिन बाद गुरुवार को मनाई जाएगी। अब 9 अप्रैल को चांद का दीदार न होने के बाद ईद की सही तारीख साफ हो गई।
दिल्ली जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम ने मंगलवार ईद के चांद नजर न आने का ऐलान किया है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि भारत में बुधवार 10 अप्रैल को ईद का चांद नजर आ जाएगा, जिसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को भारत में ईद मनाई जाएगी। ईद को लेकर खास बात है कि इसकी तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल-दर-साल बदलती रहती है। यह कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है। इसमें दिनों की गिनती चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार की जाती है।
सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है ईद का त्योहार
रमजान के महीने के पूरा होने के बाद शव्वाल के महीने की पहली तारीख को ईद का त्योहार मनाया जाया है। ईद को सौहार्द और भाईचारे का संदेश देने वाला त्योहार कहा जाता है। ईद के मौके पर एक दूसरे के घर जाकर गले लगकर ईद की बधाई दी जाती है। जिसके बाद मुंह मीठा करने के लिए खीर या शीर खुरमा का स्वाद लिया जाता है। इसके साथ ही तरह-तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठाया जाता है।
जानिए क्यों मनाई जाती है ईद
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम के आखिरी पैगंबर नबी मुहम्मद ने जंग-ए-बद्र में जीत हासिल की थी। जिस समय जंग-ए-बद्र हुई उस दिन रमजान महीने का 17वां रोजा था। रोजा रखकर ही पैगंबर मुहम्मद ने अपने अनुयायियों के साथ दुश्मन की भारी सेना को भी धूल चटा दी थी। जंग-ए-बद्र की जीत के बाद खुशी में लोगों का मुंह मीठे से करवाया गया था। जिसके बाद से इस दिन को मीठी ईद या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि रमजान महीने के अंत में ही पहली बार पवित्र ग्रंथ कुरान धरती पर आई थी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."