ट्रक पर बना दिया 200 लोगों की क्षमता वाला सभी सुविधा उपलब्ध मैरिज हाल; वीडियो ? देखिए
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बच्चों को सद् विचार और प्रेरणादायी ‘कहानियों की झप्पी’ देता कथा संग्रह, पठनीय पुस्तकों की ऋंखला का नया वृक्ष
83 पाठकों ने अब तक पढा• दुर्गेश्वर राय कहानी एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से न केवल संस्कार, सद्चरित्र, मानवता, नैतिकता, परोपकार, सज्जनता, अनुशासन,
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जीवन का हर रंग उकेरती पहाडी़ साहित्य की अनूठी पहल की गई है “कहलूरी कलमवीर” के जरिए
62 पाठकों ने अब तक पढामान सिंह सनौरी की रिपोर्ट बिलासपुर(हिमाचल)। कल्याण कला मंच बिलासपुर के वैनर तले लिखित और 26 अक्तूबर को जिला मुख्यालय
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पुस्तक समीक्षा ; स्कूल एवं शिक्षा के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डालती पुस्तक
60 पाठकों ने अब तक पढा• प्रमोद दीक्षित मलय दक्षिण एशियाई क्षेत्र एवं भारतवर्ष में स्कूल एवं शिक्षा के बदलते स्वरूप पर प्रस्तर शिल्प एवं
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आजादी के अमृत महोत्सव के मूल उद्देश्य को शब्दांकित कर धरोहर बना दिया “राष्ट्र साधना के पथिक” ने
55 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षक – दुर्गेश्वर राय अमृत काल का आगाज़ हो चुका है। अमृत काल अर्थात आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूर्ण होने (
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स्टेजिंग एरिया मानव व्यवहार, कर्तव्य एवं संवेदनाओं का दस्तावेज़
61 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षक – प्रमोद दीक्षित मलय …वह शनिवार की खूबसूरत शाम थी। जब मैं घर आया तो मेरी मेज पर बुक
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“पंखुड़ियाँ” : सुगंध बिखेरती रचनाओं का सुखद आभास कराती है ये पुस्तक
43 पाठकों ने अब तक पढाप्रमोद दीक्षित मलय की समीक्षा कविता व्यक्ति को रचती है, एक दृष्टि देती है। एक रचनाकार अपने परिवेश से सोये
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जीवन के संघर्ष एवं संस्कार का राग है ‘मीत बनते ही रहेंगे’
66 पाठकों ने अब तक पढाप्रमोद दीक्षित मलय आज दुनिया विभीषिका, विध्वंस एवं विनाश की ओर बढ़ रही। मानवता, संवेदनशीलता, मानवीय मूल्य एवं आदर्श सामाजिक
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पुस्तक समीक्षा ; “प्रकृति के आंगन में” बिखरे हैं संवेदना, प्रेम एवं माधुर्य के स्वर
53 पाठकों ने अब तक पढा मृत्युंजय दीक्षित लेखक एवं संपादक प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा सम्पादित पुस्तक ”प्रकृति के आंगन में” एक सराहनीय प्रयास है
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हैंडल पैंडल ; ये कहानियां समय की धारा पर संवाद के चप्पू चलाते बह रही हैं
58 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षा – प्रमोद दीक्षित मलय इसी जुलाई में काव्यांश प्रकाशन से मितेश्वर आनंद की एक कथा कृति आई है ‘हैंडल
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सामाजिक जीवन के ताने-बाने का खाका खींचते तत्कालीन समय का प्रतिनिधित्व करती हैं ये कहानियां
69 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षा- प्रमोद दीक्षित मलय देहरादून रहवासी कथाकार जितेन्द्र शर्मा पिछले पांच दशकों से अनवरत कहानियां रच-बुन रहे हैं। उनके चार