
साहस, रोमांच, निर्भयता एवं धैर्य की सीढ़ियों से होते हुए अपने मंजिलों तक पहुंचती हैं “सफर हमारे”
69 पाठकों ने अब तक पढा समीक्षा – प्रमोद दीक्षित मलय “सूखा ताल नीचे गहरी खाई में था। उसके साथ-साथ ही पहाड़ की यह खड़ी दीवार

अंजुरी-अंजुरी भरकर लोक आनन्द का मधु रस भी परोसता है “छूटा पीछे पहाड़”
65 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षा – प्रमोद दीक्षित मलय साहित्य की विविध विधाओं में संस्मरण, यात्रावृत्त एवं आत्मकथाएं पाठकों को बहुत लुभाती रही हैं।

नारी मन के बहु आयामी भावनाओं की अभिव्यक्ति है “एहसास”
78 पाठकों ने अब तक पढासमीक्षा – प्रमोद दीक्षित मलय बेसिक शिक्षा से जुड़ी 32 शिक्षिकाओं की रचनाओं पर आधारित अरुणा कुमारी राजपूत राज के संपादन

कंकड़-कांटों से बचाते हुए मंजिल तक ले जाने में समर्थ है “आगे से फटा जूता”
79 पाठकों ने अब तक पढाप्रमोद दीक्षित मलय रामनगीना मौर्य वर्तमान कालखंड के उन कहानीकारों में है जो अपने समय का सच बिना किसी लाग

रोचक एवं मनमोहक संस्मरणों की पोटली है “स्मृति की खिड़की”
118 पाठकों ने अब तक पढा प्रमोद दीक्षित मलय एक पाठक के तौर पर संस्मरण मुझे हमेशा आकर्षित करते रहे हैं। एक तो यही कि संस्मरण

यात्री हो चला : साहसिक यात्राओं से पाठकों को जोड़ते रोमांचक वृत्तांत
93 पाठकों ने अब तक पढा प्रमोद दीक्षित मलय हिंदी साहित्य की लेखन विधाओं में यात्रा वृत्तांत की अपनी एक अलग पहचान एवं आकर्षण है। इस

वर्तमान समय और समाज में पसरते कोलाहल को भी अपनी अनुभूतियों में समेटा है “रंग आंसुओं के”
96 पाठकों ने अब तक पढाराजीव कुमार झा सुपरिचित कवि राजेश कुमार गुप्ता के प्रस्तुत कविता संग्रह ” रंग आंसुओं के ” में उनके लिखे