मान सिंह सनौरी की रिपोर्ट
बिलासपुर(हिमाचल)। कल्याण कला मंच बिलासपुर के वैनर तले लिखित और 26 अक्तूबर को जिला मुख्यालय में प्रदेश के जाने माने विद्वानों पंडित जय कुमार और रुप शर्मा द्वारा लोकार्पित पुस्तक “कहलूरी कलमवीर ” ने चन्द दिनों में ही प्रदेश में पहाडी साहित्य सृजन की दुनियां में धाक जमा दी है।
मंच के अध्यक्ष और इस पुस्तक के सम्पादक सुरेन्द्र मिन्हास द्वारा सम्पादित कहलूरी कलमवीर पुस्तक के 216 पृष्ठों में जिला के 28 कहलूरी कवियों के जीवन परिचय के साथ प्रत्येक की पांच पांच कहलूरी रचनाओं को स्थान दिया गया है । इसमें जहां प्रदेश स्तर के बडे हस्ताक्षरों की कविताएं शोभा बढा रही हैं वहीं मंच के नवोदित कहलूरी लेखकों की रचनाएं शामिल करके उन्हें भी प्रोत्साहित किया गया है ।
जीवन के हर रंग को छूती कविताओं से सुसज्जित इस पुस्तक की कीमत मात्र 351 रूपये निर्धारित की गई है तथा पुस्तक में मंच के क्रिया-कलापों का भी सचित्र वर्णन किया गया हैं। पुस्तक का लोकार्पण जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी के सानिध्य में प्रदेश के जाने माने पहाडी लेखक रुप शर्मा ने किया जबकि प्रदेश पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष और साहित्यकार पंडित जय कुमार ने प्रस्तावना लिखने के साथ साथ कार्यक्रम की अध्यक्षता भी की ।
सम्पादक सुरेन्द्र मिन्हास के साथ इस पुस्तक को सजाने संवारने में पहाडी कवियों अमरनाथ धीमान,बीना वर्धन, तृप्ता कौर मुसाफिर और प्रोफ जय महलवाल ने उप संपादकों की भूमिका अदा की है ।
बहुत ही कम समय में ये पुस्तक प्रदेश के कोने कोने में पहुंच चुकी है और प्रदेश के दर्जनों लोकप्रिय पहाडी लेखकों की राय में भविष्य में ये पुस्तक कहलूरी महाकाव्य ग्रंथ साबित होगी ।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."