सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
कराची…पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर, वो शहर जहां हर दिन मोहब्बतों के रिश्ते बनते और टूटते हैं। शहर की दो करोड़ आबादी में युवाओं की तादाद ज्यादा है।
सीमा रिंद की मुलाकात पबजी खेलते हुए भारत के एक लड़के से हुई और उसके बाद वो उसकी मोहब्बत में सीमा पार कर भारत चली गईं।
गुलाम हैदर से हजारों किमी दूर ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव में इन दिनों जैसे मेला लगा है। दूर-दूर से आए लोग सीमा को देखना चाहते हैं। कोई इसे फिल्मी प्रेम कहानी कह रहा, तो कोई दुश्मन देश की साजिश।
रबूपुरा की मीणा मोहल्ले की संकरी गली में हरे रंग से पुते एक छोटे से मकान में भीड़ जुटी है। मीडिया ने सचिन से पूछा कि 23 साल की उम्र में आप 4 बच्चों के बाप बनने को तैयार हैं? तो जवाब मिला- ‘4 बच्चों को ही नहीं, 5 को पालूंगा। 5वीं मेरी पत्नी है, सीमा हैदर।’ बगल में बैठी सीमा हैदर उनके इस जवाब पर इतना रीझीं कि उनकी बलाए ले लीं।
उधर सचिन की मां 3 पोतियों और एक पोते पर प्यार उड़ेल रही हैं। बत्ती गुल हुई तो सोते हुए बच्चों पर पंखा झलना शुरू कर दिया।
सीमा ने पहले पति का नाम हटाकर अब नाम सीमा सचिन रख लिया है। 2 महीने से भी कम समय में उन पर हिंदुस्तानी रंग चढ़ चुका है। वे मोहल्ले की औरतों से पाकिस्तानी तहजीब के साथ नहीं, बल्कि हिंदुस्तानी संस्कारों के साथ मिल रही हैं। आदाब या सलाम नहीं, बल्कि पैर छू-छूकर प्रणाम कर रही हैं। मोहल्ले की औरतें भी खुश हैं।
मांग में सिंदूर, हाथों में चूड़ी और रहन-सहन में हिंदुस्तानी संस्कार देखकर पहली नजर में सीमा को पाकिस्तानी कहना मुश्किल होगा। हमने उनसे हिंदुस्तान के तौर-तरीकों की ट्रेनिंग के बारे में पूछा तो उन्होंने सचिन की तरफ इशारा कर कहा- ‘यही हैं मेरे उस्ताद। सब इनसे सीखा।’ सचिन ने सीमा को छेड़ते हुए कहा, उस्ताद नहीं पति परमेश्वर।
सीमा से पूछा कि अगर सचिन ने उन्हें छोड़ दिया तो क्या करेंगी? उनका जवाब था, ‘सचिन दिल के बहुत अच्छे हैं। वह ऐसा नहीं करेंगे। अगर किया तो मैं इन्हें मार डालूंगी।’ सचिन शर्मीले हैं तो सीमा बेबाक। सचिन परचून की दुकान में काम करते हैं। उनकी तनख्वाह 8-10 हजार रुपए है। देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर की माली हालत ठीक नहीं।
सीमा तेरे कितने आशिक ? अब पाकिस्तान का एक और आशिक आया सामने
सीमा ने बच्चों के नाम बदलकर प्रियंका, मुन्नी और परी रख दिया है। बेटे का नाम राज रख दिया है। पहले सबसे बड़ी बेटी प्रियंका का नाम फेरिया था। उससे छोटी बेटी का नाम फरीदा था उसका नाम अब मुन्नी हो गया है। फरहा का नाम परी हो गया। बेटे का नाम फरहान था, अब उसका नाम राज हो गया है।
मेरा निकाह अभी खत्म नहीं हुआ, सीमा लौटी तो उसके साथ खुशी से रहूंगा…
सीमा के पहले पति गुलाम हैदर ने भारत सरकार, मोदी-योगी सरकार से भी सीमा और चारों बच्चों को उसके पास भेजने की गुहार लगाई है। गुलाम का कहना है कि जब तक कानूनी जांच पूरी नहीं होती, सरकार मेरे बच्चों और बीवी को अपनी कस्टडी में रखे।
गुलाम कहते हैं, ‘उसने मेरे बच्चों के नाम बदल दिए। मेरे बच्चों को गंगा नहाने ले जाने वाली है। हम मुसलमान हैं। उसे ऐसा करने से रोका जाए। बच्चों को तो कुछ भी पता नहीं। हिंदू-मुसलमान उन्हें क्या पता। मेरी मदद करें।’ गुलाम आगे कहते हैं, ‘सीमा एक बार माफी मांगकर वापस आएगी, तो हम फिर साथ रहेंगे। उसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा।’
गुलाम हैदर का आरोप है कि सीमा ने उनसे 10 मार्च को ही 3 लाख रुपए लिए थे। सीमा का अकाउंट उस वक्त चल नहीं रहा था, इसलिए ये उन्होंने किसी जानने वाले को भेजे थे। उसने कहा था कि उसका मक्का आने का मन है। कहा था कि कुछ दिन सऊदी में रहना चाहती है। मैंने दोस्तों से पैसे उधार लेकर उसे भेजे थे।
हालांकि, सीमा के मुताबिक 10 मार्च को ही वो सचिन से मिलने के लिए नेपाल आई थी। ताकि तसल्ली कर ले कि दोनों एक दूसरे को पसंद हैं। सीमा ने यह भी कहा था कि उस वक्त 3 लाख रु. सचिन पर खर्च किए थे। यानी इस मुलाकात के लिए पैसे खर्च हुए थे।
सिर्फ इतना ही नहीं, गुलाम हैदर ने यह भी बताया कि सीमा ने 8 मई को 70 हजार का एक मोबाइल भी खरीदा था। उसने 5,000 रुपए चुकाए थे और बाकी किश्तों में देने के लिए कहा था। वो इंडिया चली गई तो दुकानवाले ने मुझे फोन किया। अब दुकानदार गुलाम से पैसे मांग रहा है। सीमा ने कराची में एक बैंक से लोन भी लिया हुआ है। हमने पूछा कितने का लोन है, तो गुलाम ने कहा कि अभी नहीं पता है, लेकिन जल्दी पता चल जाएगा।
गुलाम हैदर ने भारतीय मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं अपने बच्चे और बीवी वापस लेकर रहूंगा। इसके लिए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम से गुहार लगाऊंगा। जरूरत पड़ी तो भारत जाऊंगा।’ गुलाम अपनी लव स्टोरी सुनाते हुए बताते हैं, ‘हम दोनों बलोच थे, लेकिन सीमा रिंद कबीले की है और मैं जाखरानी कबीले का। हमारे परिवार लव मैरिज को लेकर सख्त हैं।’
‘मैंने उससे कहा- तुम मुझे जेल भेजोगी। उसने कहा-अब मैं वापस नहीं जाऊंगी। तुम्हारे साथ ही जिऊंगी-मरूंगी। ’
सीमा कहने लगी पहले कोर्ट मैरिज कर लें, फिर घर वालों को मनाएंगे। मैं इश्क में था, मैंने पहले निकाह किया, फिर कोर्ट मैरिज की। निकाह के 2-3 महीने बाद ही सीमा ने मुझसे कराची में रहने के लिए कहा। मैं अपना परिवार छोड़ कराची आ गया। मैं वहां रिक्शा चलाता था। हमारे 3 बच्चे हो गए। चौथा होने वाला था। सीमा ने कहा- इन बच्चों की तालीम के लिए और कमाना पड़ेगा। मैंने बंदोबस्त किया और 3 साल पहले मैं सऊदी आ गया। यहां भी मैं मेहनत-मजूरी करता हूं।’
उदास होते हुए गुलाम आगे बताते हैं, ‘हर महीने सीमा को 70-80 हजार रुपए भेजता था। डेढ़ साल पहले सीमा ने घर मांगा, तो मैंने 16 लाख रुपए भेजे। हमने एक कमरे का घर खरीद लिया। फिर उसने कहा, घर बहुत छोटा है। मैं किराए के घर में रहूंगी। इस घर को किराए में उठा देंगे। मैं उसमें भी राजी हो गया। मैं सारा पैसा अपने परिवार को भेजता था, मैं यहां तीन-तीन काम करता हूं। गरीब आदमी क्या करे, यहां भी उसी की मर्जी से आया था। आप मेरी बैंक डिटेल निकालकर देख लो।’ (साभार)
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."