दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हजरतगंज पुलिस को एक शिकायत दी है, जिसमें रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग की गई है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने एक पत्र में कहा है कि मौर्य के हिंदू धर्मग्रंथ की आलोचना करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले बयान से लाखों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि यह बयान लोगों को जाति के आधार पर बांटने और समाज में वैमनस्य पैदा करने की कोशिश है।
अखिलेश ने की कार्रवाई की मांग
अखिल भारतीय हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज पुलिस स्टेशन के बाहर जमा होकर स्वामी प्रसाद मोर्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। इस दौरान महासभा के पदाधिकारी भी मौजूद थे। महासभा ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी स्वामी प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि एक बार सपा का हिंदू विरोध देश ने देखा है, लेकिन अब सपा को इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए. हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है।
क्या कहा था स्वमी प्रसाद मौर्य ने
समाजवादी पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित देते हुए कहा था कि रामचरित मानस को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस दौरान कहा ‘जिस दकियानूसी साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए, कई करोड़ लोग ऐसे हैं जो रामचरित मानस को नहीं पढ़ते हैं। सब बकवास है, जिसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को संज्ञान में लेते हुए रामचरित मानस से उसके आपत्तिजनक अंश को बाहर कर देना चाहिए या फिर इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए’ स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद विवाद लगातार बढ़ रहा है।
Author: samachar
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