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November 1, 2024 9:02 pm

बिटिया अनन्या की विदाई ने माता पिता संग सबकी आंखें कर दी नम

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समाचार दर्पण टीम की रिपोर्ट

लुधियाना। एक बेटी की विदाई कितनी दुखदाई होती है, इस प्रश्न का उत्तर या तो वह बेटी ही बता सकती है, जिसकी विदाई हो रही है या वह माता पिता जो पैदा करने से लेकर लालन पालन करते हुए, अपनी सामर्थ्य के अनुसार पढ़ाई लिखाई पूर्ण कराने के पश्चात विवाह के समय अपनी उस नन्ही परी को किसी अनजान राही के साथ आजीवन रहने को भेज रहे होते हैं।

ऐसी ही अनुभूति होती है समाचार दर्पण 24 के प्रधान संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार, लेखक और स्तंभकार अनिल अनूप की, जिनकी इकलौती सुपुत्री अनन्या अनूप का शुभ विवाह विगत 9 दिसंबर 2022 को कुलबीर सिंह निवासी हमीरपुर हिमाचल के साथ लुधियाना में सेलिब्रेशन मैरिज हाल में वैदिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ।

लगातार कई दिनों से शादी की तैयारी से लेकर मेहमानों के आवभगत में लगे रहे पिता अनिल अनूप बिटिया की विदाई के समय अपने आँसू को रोक नही पाए। छलकती आंखें लिए पिता बहुत ही भावुक नजर आ रहे थे। हों भी क्यों न! बचपन से प्यार दुलार से पली बढ़ी बेटी आज विदा होकर पिया संग ससुराल को जा रही थी। विदाई के समय उपस्थित सभी के लिए वो पल भावुक कर देने वाला था। इस मौके पर सभी शुभचिंतक, रिश्तेदार ,पड़ोसी आदि के साथ ही समाचार दर्पण २४ परिवार के जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड से आए सभी सहयोगियों ने वर वधू को अपनी शुभकामनाएं देते हुवे उनके मंगलमय भविष्य की कामना की।

बताते चलें कि अनन्या अनूप, पिता अनिल अनूप और माता शोभा अनूप की तीन संतानों में दूसरी अर्थात् अलभ्य अनूप से छोटी और अरुणेश अनूप से बड़ी है जिनकी मेहंदी रस्म 7 दिसंबर को सैकड़ों महिलाओं की उपस्थिति में लुधियाना निवास पर हुआ तथा विवाह कार्यक्रम 9 दिसंबर को “सेलिब्रेशन मैरेज हाल” लुधियाना में सुरेंद्र सिंह और सरला देवी के इकलौते सुपुत्र और नविता के बड़े भाई कुलवीर सिंह के साथ धूम धाम से संपन्न हुआ। विवाह के साथ ही वर और वधू सभी बड़ों का आशिर्वाद लेकर हमेशा के लिए एक दूजे के हो गए और नए तथा खुशहाल जीवन के लिए वधु ससुराल के लिए निकली तो मायका छोड़ने के गम में दहाड़े मार कर रोने लगी, जिस पर वहा उपस्थित सबकी आंखें नम हो गई।

विवाह समारोह में पंजाब ब्यूरो से विकास कुमार, राकेश सूद, जम्मू ब्यूरो से अरमान अली, कुर्बान अली, मोहित भटनागर, मुंबई से टिक्कू आपचे, हिमाचल से मानसिंह ठाकुर, जालंधर से सुभाष मल्होत्रा उपस्थित थे।

 

कुछ लोग बहुत व्यस्तता या टिकट न मिल पाने पर जा नही सके, वे आनलाइन ही उपस्थिति दर्ज कराए और वर वधु को आशिर्वाद दिया। इस कड़ी में संस्थान के कार्यकारी संपादक मोहन द्विवेदी ने मेहंदी, विवाह एवं विदाई हर कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थिति बनाए रखी।

इसी प्रकार राजस्थान ब्यूरो चीफ सुरेन्द्र प्रताप सिंह, हरियाणा से ब्रजकिशोर सिंह, कतर से गौडी शंकर यादव, बहरीन से कल्पना सोरेन, ग्वालियर से प्रदीप कुमार गुप्ता, रायबरेली से राजा बाबू, लखनऊ से पीयूष पांडे, भोपाल से उषा यादव, दिल्ली से परवेज़ अंसारी और सीता देवी, गोवा से नौतन कुमार, हरिद्वार से रश्मि प्रभा, नासिक से आरती शर्मा, बिहार से शशांक झा, चंडीगढ़ से अमरेंद्र सिंह, जालंधर से मशहूर सूफी गायक पूरन चंद वडाली, छत्तीसगढ़ से सुरेश रैना, मुंबई से गौतम सिंह, गोंडा उत्तर प्रदेश से चुन्नीलाल प्रधान, दुर्गा प्रसाद शुक्ला, और सर्वेश द्विवेदी थे।

देवरिया के चांद पलिया से पंडित रामजीत द्विवेदी और पार्वती देवी का विशेष आशीष इस वर वधु को मिला।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."