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6 January 2025 3:42 pm

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पुलिस के इंतजार में छह घंटे तक वार्ड में रहा शव, मां को बीमार समझ जगाने की कोशिश करते रहे मासूम

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सुरेन्द्र प्रताप सिंह और आनंद शर्मा की रिपोर्ट 

टोंक। जिले में अस्पताल की लापरवाही का एक मामला सामने आया है, जहां दो मासूम बच्चे अपनी मां की डेड बॉडी के पास बैठे अपनी मां को पुकारते रहे। मां के मृत शरीर के पास बैठी दो साल की बेटी और उसी बेड पर अठखेलियां करता तीन महीने का बेटा। दोनों इस बात से अनजान थे कि अब उनकी मां इस दुनिया में नहीं रही। अस्पताल वालों ने बच्चों से कहा कि उनकी मां सो रही है।

हॉस्पिटल वालों ने एक चादर से शव को ढका था। वहीं, बेड पर 20 साल की विवाहिता की लाश पड़ी थी, वार्ड में कई अन्य मरीज भी भर्ती थे। बगल के बेड पर शव करीब 6 घंटे तक पड़ा रहा पर उसे हटाने की जहमत किसी नहीं उठाई। पुलिस के आने के बाद महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट किया गया। महिला शबाना की मौत किस बीमारी से हुई, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। महिला का परिवार दिहाड़ी मजदूर का काम करता है। परिवार ने यह कहते हुए शव परीक्षण कराने से इनकार कर दिया कि उसके पेट में लंबे समय से चल रही कोई समस्या है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि वह गंभीर रूप से एनीमिक थी।

सीने में दर्द का इलाज कराने जी रहे थे कोटा: घटना पिछले हफ्ते की है जब शबाना टोंक के नगरफोर्ट कस्बे में अपने माता-पिता के घर पर थी। शबाना की ससुराल हरियाणा के रेवाड़ी में है। उसके भाई कालू ने बताया कि उसकी बहन शबाना (20) की तीन महीने पहले डिलीवरी हुई थी। इस कारण शबाना अपने मायके नगरफोर्ट आई हुई थी। शुक्रवार की रात शबाना के सीने में दर्द हो रहा था। शनिवार को उसे दिखाने के लिए कोटा ले जा रहे थे।

कालू ने बताया कि नगरफोर्ट से नैनवां तक ऑटो से आए। नैनवां से कोटा जाने वाली बस में बैठे थे। साथ में मां और परिवार के अन्य सदस्य भी थे। बस रवाना होते ही शबाना की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। शबाना को दोपहर करीब 12 बजे नैनवां अस्पताल लाए। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया लेकिन कुछ देर में शबाना की मौत हो गई।

वार्ड में मरीजों के बीच पड़ा रहा शव: करीब आधा घंटे बाद नैनवां थाने से पुलिस आ गई। पुलिस अधिकारी को शबाना की तबीयत खराब होने और मौत होने की जानकारी दी गई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि नगरफोर्ट पुलिस को सूचना दे दी गई है। नगरफोर्ट पुलिस कहे तब ही शव लेकर जाना। पुलिस का एक सिपाही तैनात कर दिया गया था। वार्ड में मरीजों के बीच ही शव पड़ा रहा।

वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिवार वालों ने कई बार यहां तैनात नैनवां पुलिस के सिपाही से जल्दी पोस्टमॉर्टम कराने की गुजारिश की। पर कोई सुनवाई नहीं हुई। शाम को जब नगरफोर्ट पुलिस मौके पर पहुंची और शव को वहां से हटाकर मॉर्च्यूरी में रखवाया, दूसरे दिन शबाना का पति आया। इसके बाद परिवार की सहमति के बिना शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले गए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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