कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
बरेली में भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो गए हैं। ताजा मामला बारादरी थाना क्षेत्र का है, जहां इंस्पेक्टर ने निलंबित लेखपाल और उसके गिरोह के साथ मिलकर एक बेंत कारोबारी की जमीन पर आधी रात को कब्जा करा दिया। पुलिस की मिलीभगत इतनी गहरी थी कि पीड़ित पक्ष को थाने में बैठाकर चालान किया गया, और इस बीच आरोपियों ने जमीन पर कब्जा कर लिया। मामले का खुलासा होने के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने बारादरी इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सेटेलाइट चौकी इंचार्ज राजीव कुमार शर्मा और हेड कांस्टेबल अनिल कुमार को सस्पेंड कर दिया है।
कैसे हुआ कब्जा?
मामला कारोबारी मोहम्मद इलयास की नवादा शेखान में स्थित जमीन का है, जहां उनके परिवार के परवेज नर्सरी का संचालन करते हैं। इस जमीन पर निलंबित लेखपाल सावन कुमार जायसवाल और उसके गैंग के सदस्यों ने कब्जा करने की साजिश रची। इलयास और परवेज ने कुछ दिन पहले बारादरी थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें समाधान दिवस में आने को कहा। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस से सांठगांठ कर ली।
13 दिसंबर की रात पुलिस ने परवेज और उनके भाइयों जमशेद व हमजा अंसारी को थाने बुलाकर हिरासत में ले लिया। 14 दिसंबर की शाम को इन्हें शांतिभंग के आरोप में चालान कर दिया गया। चालान जानबूझकर देर से किया गया ताकि आरोपियों को जमीन पर कब्जा करने का पूरा मौका मिल सके।
जब तक पीड़ित पक्ष जमानत लेकर बाहर आया, तब तक सावन जायसवाल के गैंग ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने खुद को जमीन का मालिक बताते हुए वहां चेतावनी बोर्ड और सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। जमीन पर अनुसूचित जाति के कुछ लोगों को भी बसाया गया ताकि विवाद होने पर एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया जा सके।
पुलिस गठजोड़ का पर्दाफाश
मामले की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंपी गई। उनकी जांच में खुलासा हुआ कि बारादरी इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सेटेलाइट चौकी इंचार्ज राजीव कुमार शर्मा और हेड कांस्टेबल अनिल कुमार ने आरोपियों का साथ दिया। इसके आधार पर एसएसपी अनुराग आर्य ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
भूमाफिया का गिरोह और अन्य घटनाएं
इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड निलंबित लेखपाल सावन कुमार जायसवाल है। उसने सिर्फ बारादरी ही नहीं, बल्कि कैंट क्षेत्र में भी करोड़ों की जमीनों पर अवैध कब्जे कराए हैं। वह खाली पड़ी जमीनों को चिन्हित कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनका बैनामा कराता था। कई बार वह खुद को ऑन ड्यूटी बताकर पुलिस की मदद से कब्जा कराता था। कैंट क्षेत्र में उसके खिलाफ चार मुकदमे पहले से दर्ज हैं, और अब इन मामलों में भी जांच तेज कर दी गई है।
एक और मामला दर्ज
नवादा शेखान निवासी नुसरत जहां ने भी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल, सुनील कुमार और दीपक कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनकी शिकायत है कि आरोपियों ने उनके प्लॉट पर निर्माण कार्य रोक दिया और जान से मारने की धमकी दी।
बरेली में यह मामला पुलिस और भूमाफियाओं के गठजोड़ का एक गंभीर उदाहरण है। पुलिस की मिलीभगत ने पीड़ितों को न्याय पाने से वंचित किया। एसएसपी की कार्रवाई ने इस मामले को उजागर किया है, लेकिन भूमाफिया गिरोह पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
Author: samachar
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