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8 January 2025 2:05 am

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जगमग हुआ रामजन्म भूमि ;  45 हजार लीटर तेल से जलाए जाएंगे 18 लाख दीए

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला और सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

अयोध्या यूं तो वर्ष भर उत्सवों से चहकती रहती है, लेकिन युगों से कार्तिक माह में रामनगरी का आध्यात्मिक-सांस्कृतिक सौंदर्य शिखर पर होता है। यह पहला अवसर होगा जब कार्तिक माह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति होगी। वह भी वैश्विक ख्याति प्राप्त दीपोत्सव में। 23 अक्टूबर को उनके आगमन के साथ ही इस वर्ष का कार्तिक माह भी स्वयं में विशिष्ट हो गया है। गुरुवार शाम जब रंगीन लाइटें जलीं तो नजारा देखने लायक था। 

युगों से प्रतिष्ठित कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या दीपावली के तौर पर विख्यात है, तो शुक्ल पक्ष में नवमी, एकादशी और पूर्णिमा की छठा बिखरती है। कार्तिक माह के दूसरे तीज-त्योहार भी रामनगरी के लिए बेहद खास होते हैं।

दो वर्ष बाद यह ऐसा अवसर होगा, जब दीपोत्सव कोरोना से पूर्ण मुक्त होगा और उसकी आध्यात्मिकता की आभा से पूरी नगरी रोशन होगी।रामनगरी में कार्तिक मेला शुक्ल पक्ष की परिवा भी बेहद खास होती है। परिवा के दिन अयोध्या के मठ-मंदिरों में अन्नकूट मनाया जाता है, जिसमें भगवान को 56 भोग लगाया जाता है।

राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अयोध्या में दूसरी बार आगमन होगा। दीपोत्सव 2022 के मुख्य अतिथि के रूप में आ रहे प्रधानमंत्री मोदी रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करने के साथ उस ऐतिहासिक मंदिर के निर्माण का भी अवलोकन करेंगे जिसकी बहुप्रतीक्षित आधारशिला उन्होंने रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी रामलला के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर दीपोत्सव का शुभारम्भ भी करेंगे। इस अवसर पर रामजन्मभूमि परिसर में सवा लाख दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे।

इससे पहले रामजन्मभूमि परिसर का श्रृंगार दुल्हन की तरह करने की तैयारी पूरी हो गयी है। परिसर की बाहरी दीवारों से लेकर आंतरिक हिस्सों को फूलों की लरियों से सुसज्जित किया जाएगा। पूरे परिसर में रंगोली व चित्रांकन का कार्य पहले  ही शुरु हो गया है। अवध विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट की छात्र-छात्राओं की टीम इस कार्य को बड़े उल्लास से अंजाम देने में जुटी है। मंदिर के परिसर से लेकर निर्माणाधीन स्थल तक भव्य साज-सज्जा का प्रबंध हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी मंदिर निर्माण स्थल पर भी चिह्नित गर्भगृह में भी पूजन करेंगे। इसकी भी तैयारियां हो गयी हैं।

पृथ्वीराज चौहान के बाद मोदी पहले हिन्दू शासक : चंपत राय

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि मोदी को लेकर राम मंदिर आंदोलन के नायक अशोक सिंहल कहा करते थे कि पृथ्वीराज चौहान के बाद पहला हिन्दू देश की सत्ता पर बैठा है जो भारत के जीवन मूल्यों और मानबिन्दुओं का ध्यान रखता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस धारणा को चरितार्थ करके भी दिखाया है। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव के साथ-साथ दीपावली के दिन भी उसी तरह का उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीपावली पारम्परिक त्योहार है और दीपोत्सव ने इस त्योहार में चार चांद लगा दिया है। उधर रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने बताया कि करीब 30 फिट ऊंचे मंदिर निर्माण स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी को ले जाने के लिए अतिरिक्त सीढ़ी का निर्माण भी कराया जा रहा है।

दीपोत्सव के अवसर पर 23 अक्तूबर को रामपैड़ी पर 18 लाख दीए जलाकर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और घाटों पर गुरुवार से निर्धारित संख्या में दीयों को एकत्र करने का काम शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत रूपकला मंदिर के सामने से लेकर नागेश्वर नाथ मंदिर के पूरब पुल तक सात घाटों से की गयी है। विभिन्न स्थानों से मंगवाए गये इन दीयों को रामपैड़ी पर स्थित चंद्रहरि मंदिर के कमरे में स्टोर कराया गया था। बताया गया कि 40 एमएल के यह दीए 15 मिनट से अधिक समय तक जलेंगे। 

बताया गया कि 18 लाख दीयों को जलाने के लिए तीन हजार टीन यानि 45 हजार लीटर तेल का प्रबंध किया गया है। तेल के टीन, रुई की बाती, मोमबत्ती व लकड़ी के स्टिक भी रामपैड़ी पर पहुंच गये हैं। घाटों पर दीए रखने के बाद उनके बिछाने का काम शुक्रवार से किया जाएगा। इन 18 लाख दीयों को जलाने के लिए करीब 22 हजार वालेंटियर विश्वविद्यालय व सम्बद्ध महाविद्यालयों के अलावा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व स्वयंसेवी संगठनों से आम्त्रिरत किए गये हैं।

दीपोत्सव के मेगा शो के लिए घाटों पर पहुंचे लाखों दीप

दीपोत्सव के आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में है। गुरुवार को राम की पैड़ी पर दीप पहुंचाने का क्रम शुरू हो गया। नोडल अधिकारी डा. राममनोहर लोहिया अवध विवि सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो.अजय प्रताप सिंह की निगरानी में सभी घाटों पर दीप पहुंचाये गये। सौ से अधिक श्रमिक इसमें लगे रहे। दीपोत्सव की पूरी सामग्री राम की पैड़ी पर पहुंच गई ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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