राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर, दो माह पूर्व चिलुआताल थाना क्षेत्र में एक ईंट भट्ठे से एक महिला मजदूर का बच्चा एक युवक, युवती चोरी कर ले गए। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास मौजूद है, लेकिन पुलिस अभी तक न पीड़िता का बच्चा बरामद कर सकी और न ही वह बच्चा चुराने वालों की पहचान कर सकी। जोन पुलिस के पास ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि बल्कि 31547 साक्ष्य मौजूद हैं। यह साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज के रूप में हैं। फुटेज में या तो बदमाश की शक्ल स्पष्ट नहीं है या पुलिस ने उस पर ढंग से काम नहीं किया। इसके चलते यह साक्ष्य बेमतलब हो गए हैं। साक्ष्यों का इस्तेमाल न कर पाने के कारण पुलिस की विवेचना पर सवाल उठ रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद बदमाशों तक नहीं पहुंच पा रही पुलिस
वर्तमान में सीसीटीवी फुटेज बदमाशों तक पहुंचने अथवा घटना के पर्दाफाश के लिए महत्वपूर्ण माध्यम है। अपराध को अंकुश लगाने में भी इसकी भूमिका अहम है। इसे ध्यान में रखकर पुलिस शहर के बाद अब गांवों में भी सीसीटीवी कैमरा लगाने पर जोर दे रही है, लेकिन यहां पुलिस की सुस्ती से सीसीसीवी फुटेज होने के बावजदू घटनाओं का पर्दाफाश नहीं हो पा रहा है। पुलिस घटनाओं का पर्दाफाश तो दूर उनकी पहचान तक नहीं कर सकी।
ज्वेलरी शाप में लूटने वाले बदमाशों का भी नहीं लगा सुराग
15 फरवरी 2021 को खोराबार के कुसम्ही बाजार में स्थित मोहनलाल गिरधारी ज्वैलर्स की दुकान से बदमाश 2.60 लाख नकदी समेत 37 लाख के गहने लूट ले गए थे। मालिक के भांजे को पिस्टल के दम पर चार बदमाशों ने बंधक बनाकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से घटनाओं की जांच में जुटी रही, लेकिन बदमाश नहीं पकड़े गए।
फाइनेंस कंपनी के लूटने वाले अभी भी फरार
चौरीचौरा से नई बाजार रोड स्थित जंगल महादेवा में 12 अगस्त 2021 की रात फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस कंपनी कार्यालय से बदमाश 4.10 लाख रुपये लूट ले गए। बदमाशों ने असलहे के बल पर वारदात को अंजाम दिया था। सीसीटीवी फुटेज व कर्मचारियों द्वारा बताए गए बदमाशों के हुलिये के आधार पर पुलिस उनकी तलाश की। एक वर्ष बाद भी बदमाश नहीं पकड़े गए।
सीसीटीवी फुटेज से जुड़े इतने मामलों का नहीं हो सका पर्दाफाश
गोरखपुर 4647, कुशीनगर 3958, महराजगंज 262, देवरिया 2133, बस्ती 4027, सिद्धार्थनगर 2119, संतकबीरनगर 2758, गोण्डा 2314, बलरामपुर 1784, बहराइच 6183, श्रावस्ती 1362
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."