दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर। कोरोना महामारी के दौरान जिला जेल से पैरोल पर छोड़े़ गये १८ बंदी फरार हो गये हैं। स्थानीय कारागार से २० बंदी छोड़े़ गये थे‚ मगर उनमें से सिर्फ दो ही लौटकर आये। जेल ने प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर सूचना दी है और फरार बंदियों की तलाश का अनुरोध किया है। इन्हें अलग–अलग अवधि तक के लिए पैरोल पर छोड़़ा गया था। पैरोल अवधि खत्म होने पर अपनी आमद न कराने के कारण सभी बंदियों को लिखा–पढी में फरार घोषित कर दिया गया है। पुलिस जल्द ही कोर्ट से नोटिस जारी कराकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।
जेल अधीक्षक बीबी पांडे़ ने बताया कि वर्ष २०२१ में कोरोना लहर के दौरान मौतों का सिलसिला शुरू होने पर जिला जेल के बंदियों पर भी संक्रमित होने का खतरा मंड़राने लगा था। जिला जेल में बंद बंदियों में भी दहशत का माहौल बन गया था। इस समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि जिन मामलों में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है‚ उन मामलों के बंदियों को पैरोल पर छोड़़ दिया जाये।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला जेल से २० बंदियों को पैरोल पर छोड़़ा गया था। जिसके बाद निर्धारित समय पर दो बंदी वापस आ गये‚ जबकि १८ बंदी अभी तक नहीं लौटे। काफी दिनों तक बाकी बंदियों के न लौटने पर सम्बंधित थाने को पत्र भेजकर सूचित किया गया। पुलिस ने भी बंदियों की तलाश की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। बंदियों की सूची बनाकर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को भेज दी गयी है। जिसके बाद जेल लौटकर न आने वाले सभी १८ बंदियों को फरार घोषित कर दिया गया है।
उन सभी बंदियों की तलाश में जिला पुलिस की टीमें लगायी गयी हैं। वहीं रिकार्ड के अनुसार कोरोना काल के दौरान पूरे उप्र में १५ सौ बंदियों व कैदियों को पैरोल पर छोड़़ा गया था। उनमें ८ सौ बंदी अभी तक जेलों में नहीं लौटे हैं। उन सभी की तलाश में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं।
Author: samachar
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