पवन सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ । आईजी जोन लखनऊ कार्यालय से सम्बद्ध एक निरीक्षक के खिलाफ चल रही विभागीय जांच खत्म कराने का झांसा देकर जालसाज ने उनके भाई से १३.८० लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपित ने अपनी ऊंची पंहुच का रौब दिखाकर फंसाया और रुपये लिए। शक होने पर निरीक्षक के भाई ने रुपये वापस मांगे तो आरोपित ने टालमटोल की। जानकारी होने पर निरीक्षक ने आरोपित के घर पंहुचकर रुपये मांगे तो तीन बार में एक लाख रुपये वापस किये। शेष १२.८० लाख देने के नाम पर टालमटोल करने लगा।
करीब बीस दिन पहले निरीक्षक ने कॉल की तो आरोपित ने धमकाया। जेसीपी कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया के निर्देश पर विभूतिखण्ड़ पुलिस ने जालसाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
निरीक्षक अनिल प्रताप सिंह ने बताया कि एक विभागीय जांच के चलते वे जून २०१८ से सितम्बर २०१८ के बीच आईजी जोन कार्यालय लखनऊ में सम्बद्ध थे। इसी दौरान उनका मौसेरा भाई सुग्रीव सिंह चौहान निवासी कस्बा चिनहट उनसे मिलने आता था। लखनऊ में ही सुग्रीव की मुलाकात विभूतिखण्ड़ के ओमेक्स हाइट ब्लूम वर्ग टॉवर निवासी उपेन्द्र से हुई। बातचीत में उपेन्द्र ने अपनी ऊंची ची पहुंच के बारे में बताया। झांसा दिया कि अगर कोई काम हो तो बता देना‚ अफसरों से करवा दूंगा। निरीक्षक अनिल को परेशान देख मौसेरे भाई सुग्रीव ने उपेन्द्र को विभागीय जांच के बारे में बताया। इसपर उपेन्द्र ने जांच खत्म कराने का झांसा देकर कई बार में १३.८० लाख रुपये सुग्रीव से लिए। इससे पहले ही निरीक्षक की विभागीय जांच खत्म हो गयी।
जानकारी पर सुग्रीव सिंह चौहान ने उपेन्द्र से सम्पर्क किया। कहा कि जांच तो पहले ही खत्म हो गयी थी‚ लिहाजा उसके रुपये वापस करे। इसपर वह टालमटोल करने लगा। परेशान होकर सुग्रीव ने यह बात भाई अनिल प्रताप को बतायी तो नाराज होने लगे। वे सुग्रीव को लेकर उपेन्द्र के घर पहुंचे और रुपये वापस मांगे। तीन बार में उपेन्द्र ने १ लाख रुपये वापस किये। शेष १२.८० लाख रुपये देने के नाम पर वह टालमटोल करता रहा।
६ अगस्त को निरीक्षक अनिल प्रताप सिंह ने कॉल कर उपेन्द्र से शेष रकम वापस मांगी तो उसने जान से मारने की धमकी दी। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित निरीक्षक ने जेसीपी कानून व्यवस्था से मुलाकात कर आपबीती बतायी।
विभूतिखण्ड़ पुलिस ने बीते रविवार को उपेन्द्र के खिलाफ धोखाधड़़ी‚ अमानत में खयानत व जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर ड़ा. आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि निरीक्षक अनिल प्रताप सिंह के खिलाफ किस मामले में विभागीय जांच चल रही थी‚ इसकी जानकारी नहीं है। पीड़ित ने यह नहीं बताया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
Author: samachar
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