कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
आजमगढ़। दुल्हेपुर गांव में सामूहिक नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर यूपी के मुरादाबाद की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दरअसल इस गांव में गांव वालों ने सामूहिक नमाज को लेकर आपत्ति दर्ज की थी फिर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक घर में इकट्ठा होकर नमाज पढ़ी। मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सियासी पारा भी चढ़ने लगा। इस मामले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी पुलिस पर मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगया है।
इस मामले में हिन्दू पक्ष का आरोप है कि मुस्लिम समाज ने पिछले 2-3 महीनों से मुस्लिम समाज के लोगों ने सामूहिक नमाज पढ़ने की एक नई परंपरा शुरू की है। वो किसी एक के घर में इकट्ठा होते हैं और सामूहिक नमाज पढ़ रहे हैं। हिन्दू पक्ष के लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गांव में एक नई परिपाटी शुरू की जा रही है जिसके खिलाफ हम लोगों ने पुलिस ने शिकायत दर्ज करवाई है। दुल्हेपुर गांव में न तो कोई मंदिर है और न ही कोई मस्जिद है।
हिन्दू पक्ष का दावा मना करने के बाद नहीं माना मुस्लिम पक्ष
हिन्दू पक्ष ने कहा कि हमारे कई बार मना किए जाने के बावजूद भी मुस्लिम समाज ने सामूहिक नमाज पढ़ना बंद नहीं किया। चंद्रपाल ने नाम के शिकायत कर्ता ने बताया, ‘पहले गांव के शाहिद मोहम्मद नूर के यहां सामूहिक नमाज पढ़ी गई उसके बाद अनवार के यहां सामूहिक नमाज पढ़ी गई। अनवार के सामूहिक नमाज की वीडियो भी हमारे पास थी जिसके आधार पर हमने शिकायत दर्ज करवाई है।’ उन्होंने आगे बताया कि हम खुद दूसरे गांव के मंदिर में पूजा करने जाते हैं जो कि हमारे गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मुस्लिम पक्ष ने कहा लंबे समय से पढ़ते आ रहे सामूहिक नमाज
वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए बताया कि वो काफी लंबे समय से सामूहिक नमाज पढ़ते रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि हिन्दू पक्ष के ऐतराज जताने के बाद उन लोगों ने 3 जून से सामूहिक नमाज पढ़नी बंद कर दी है। मुस्लिम पक्ष के लोग भी वायरल हो रहे वीडियो का 3 जून का होने का दावा कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष की ओर से वाहिद अली ने मीडिया को बताया, ‘मेरे पिता जी साल 1980 से 1996 तक इस गांव के प्रधान रहे हैं उनके कार्यकाल में भी ऐसा ही एक विवाद हुआ था जैसा कि आज हो रहा है। तब दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ था जिसके मुताबिक अपने-अपने धर्म के मुताबिक आप अपनी नमाज पढ़ना और आप लोग अपना पूजा-पाठ करना। मंदिर और मस्जिद बनाने से पहले पूरे गांव में बैठक कर एक दूसरे से सहमति लेनी होगी। तब से यही चला आ रहा है।’
असदउद्दीन ओवैसी ने उठाए सवाल
इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा,’भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकते हैं? क्या अब नमाज पढ़ने के लिए भी हुकूमत और पुलिस से इजाजत लेनी होगी? प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जायेगा?’ वहीं मुरादाबाद पुलिस ने ट्विटर पर ही एफआईआर पर सवाल उठाने पर ओवैसी को जवाब दिया है। मुरादाबाद पुलिस ने लिखा, ‘ग्रमाणी के हुए आपसी समझौते के बाद भी कुछ लोगों ने सामाजिक माहौल खराब करने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से अलग-अलग जगहों पर नमाज पढ़ी। जिसके बाद दूसरे पक्ष ने तहरीर दी उसके बाद जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।’
गांव के 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
हिन्दू पक्ष की ओर से की गई शिकायत के मुताबिक गांव में सामूहिक नमाज पढ़ने वाले 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें 16 नामजद और 10 अज्ञात लोग हैं। वहीं जिनके घरों में सामूहिक नमाज पढ़ी जा रही थी वो लोग अपना घर छोड़कर फरार हैं। मुरादाबाद के एसपी संदीप कुमार मीणा ने बताया, ’24 अगस्त को छजलेट थाने में नमाज पढ़ने के लिए सामूहिक संख्या में बहुत से लोग इकट्ठा हुए जहां कोई मस्जिद नहीं है। दो मकानों के बीच जिसमें एक वाहिद का और दूसरा मुस्तकीम का मकान था। शिकायत मिलने के बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। दोनों गांव से फरार हैं।’
Author: samachar
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