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15 March 2025 9:00 pm

सराहनीय एवं अनुकरणीय बन गया वो पल जब जिले के सर्वोच्च अधिकारी खुद उतर गए “जलकुंभी” साफ करने पानी में

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में जलसंचन अभियान को लेकर जिला प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है। इसी के तहत जिले की मृत नदियों से लेकर तालाबों को ‘जलसंचय जीवन, संचय अभियान’ के तहत जीवित करने का कार्य चल रहा है।

इसी के तहत ‘जलकुंभी हटाओ, तालाब बचाओ’ के तहत सोमवार ( 27 जून, 2022) को जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने तालाब को गंदा देखकर खुद पानी में उतर गए। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ चार घंटे तक सफाई की।

जिलाधिकारी के इस कार्य को देखकर सैकड़ों ग्रामीणों ने तालाब से जलकुंभी हटाकर सफाई अभियान चलाया। अभियान में जिलाधिकारी के साथ महिला एसडीएम व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

नोडल अधिकारियों ने भी सफाई अभियान में भाग लिया। जिले के 82 अमृत सरोवरों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से 50 की सफाई हो चुकी है। इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।

अमृत महोत्सव की थीम पर जिले के 82 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस कड़ी में “जलकुंभी हटाओ तालाब बचाओ”अभियान के अंतर्गत 50 तालाबों में जो अत्यधिक जलकुंभी से पटे हुए हैं उनकी सफाई की गई।

बांदा डीएम की तरफ से ट्वीट करते हुए लिखा- ‘जलकुंभी हटाओ तालाब बचाओ’ अभियान के तहत तालाबों से जलकुंभी को हटाने हेतु सफाई अभियान चलाया गया। जलकुंभी तालाब के पानी को सोख लेती है और अपने को हरा भरा कर लेती है, जिसके कारण धीरे-धीरे तालाब सूख जाता है। तालाबों के सूख जाने के कारण पशुओं इत्यादि के लिए पानी की समस्या का सामना करना।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."