झांसी में शादी के नाम पर युवक से 1 लाख रुपये ठग लिए गए। तीन दिन बाद दुल्हन फरार हो गई। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन मास्टरमाइंड अब भी फरार है। पढ़ें पूरी खबर।
उत्तर प्रदेश के झांसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शादी का झांसा देकर एक युवक को न केवल आर्थिक रूप से ठगा गया, बल्कि उसकी भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ किया गया। यह घटना ककरबई थाना क्षेत्र की है, जहां 38 वर्षीय डालचंद्र को शादी कराने के नाम पर धोखा दिया गया।
शादी के सपने ने बना दिया ठगी का शिकार
मिली जानकारी के अनुसार, डालचंद्र की शादी नहीं हो पाई थी, और वह लंबे समय से अपने जीवनसाथी की तलाश में था। इसी दौरान उसकी मुलाकात जबलपुर की रहने वाली रानी तिवारी से हुई, जिसने उसे शादी करवाने का आश्वासन दिया। हालांकि, इसके बदले रानी ने 1 लाख रुपये की मांग की। शादी का सपना साकार करने के लिए डालचंद्र ने बिना सोचे-समझे पैसे दे दिए।
रानी तिवारी 21 मार्च को एक लड़की और दो युवकों के साथ डालचंद्र के गांव बरमाईन पहुंची। उसने रोजी नाम की लड़की से मिलवाया और कहा कि वह शादी के लिए तैयार है। यह सब कुछ सुनियोजित योजना के तहत हुआ था, लेकिन डालचंद्र को इस बात का अंदाजा नहीं था। उसने खुशी-खुशी 1 लाख रुपये रानी को दे दिए। पैसे मिलते ही रानी और उसके साथी वहां से चले गए, और डालचंद्र को लगा कि अब उसकी जिंदगी बदलने वाली है।
शादी के बाद तीन दिन तक सब ठीक, फिर आया बड़ा झटका
डालचंद्र ने रोजी के साथ शादी कर ली और उसे अपने घर ले आया। शुरुआती तीन दिन तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 24 मार्च की रात को अचानक दो युवक बाइक पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। वे घर में घुसते ही रोजी के साथ मारपीट करने लगे। जब डालचंद्र ने इसका विरोध किया, तो उसे धमकाया गया और फिर वे जबरदस्ती रोजी को अपने साथ लेकर चले गए। यह पूरी घटना देखकर डालचंद्र स्तब्ध रह गया।
पुलिस में शिकायत के बाद हुआ बड़ा खुलासा
घटना के बाद, 26 मार्च को डालचंद्र ने ककरबई थाने पहुंचकर पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें रोजी, उसका पति सगीर, जय कुशवाहा और आदित्य श्रीवास शामिल हैं, जो सभी मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के रहने वाले हैं। हालांकि, इस पूरे गैंग की मास्टरमाइंड रानी तिवारी अब भी फरार है।
शादी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब
पुलिस क्षेत्राधिकारी गरौठा राजेश राय के अनुसार, यह गिरोह अविवाहित युवकों को शादी का झांसा देकर पहले उनसे पैसे ऐंठता था, फिर शादी करवा देता था। कुछ ही दिनों बाद दुल्हन फरार हो जाती, और अगर कोई पीड़ित पुलिस में जाने की कोशिश करता तो उसे डराया-धमकाया जाता था।
अब पुलिस इस गैंग के अन्य मामलों की भी जांच कर रही है और फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस का कहना है कि रानी तिवारी इस पूरे गिरोह का नेतृत्व कर रही थी और इसमें अन्य पुरुषों व महिलाओं का भी सहयोग था। यह गिरोह पहले भी कई बार इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है, लेकिन इस बार पुलिस ने ठोस कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को पकड़ लिया है और गैंग का पर्दाफाश करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।
यह घटना समाज में चल रहे संगठित अपराधों की ओर इशारा करती है, जहां भोले-भाले लोगों को भावनात्मक रूप से निशाना बनाया जाता है। पुलिस की तत्परता से इस गिरोह का भंडाफोड़ हुआ, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अब भी फरार है। ऐसे में, यह जरूरी हो जाता है कि लोग शादी के नाम पर किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी सतर्कता बरतें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
➡️ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की