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17 March 2025 8:51 pm

5.26 करोड़ का बड़ा गबन..! एटीएम को खाली करने वाले आखिर कब तक बचेंगे?  तीन महिलाएं गिरफ्तार

195 पाठकों ने अब तक पढा

बागपत में 24 एटीएम से 5.26 करोड़ रुपये के गबन मामले में पुलिस ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपित गौरव और राकी अब भी फरार हैं। पढ़ें पूरी खबर!

बागपत। जिले में 24 एटीएम से 5.26 करोड़ रुपये गबन करने के मामले में पुलिस ने 10 दिन बाद तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिलाओं में मुख्य आरोपित गौरव की पत्नी और मां, साथ ही दूसरे आरोपित राकी की मां शामिल हैं। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर तीनों को जेल भेज दिया, जबकि गौरव की चार माह की बेटी भी मां के साथ जेल गई है।

कैसे हुआ 5.26 करोड़ रुपये का गबन?

बैंकों से कैश लेकर एटीएम में लोडिंग और अनलोडिंग का काम करने वाली सीएमएस कंपनी में कार्यरत गौरव तोमर (निवासी आरिखपुर खेड़ी, बड़ौत) और राकी मलिक (निवासी हसनपुर, शामली) ने 5.26 करोड़ रुपये का कैश एटीएम में जमा करने के बजाय गबन कर लिया और फरार हो गए।

पुलिस जांच में तीन महिलाओं की संलिप्तता उजागर

घोटाले की जांच के दौरान पुलिस को सबूत मिले कि गौरव और राकी की इस साजिश में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे। पुलिस ने गौरव की मां, पत्नी और राकी की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

कैसे खुला घोटाला?

3 मार्च को सीएमएस कंपनी की ऑडिट टीम ने बड़ौत क्षेत्र के 24 एटीएम का निरीक्षण किया।

सभी एटीएम की वीडियोग्राफी कराते हुए जांच की गई।

पाया गया कि बैंक से लिया गया कैश एटीएम में डाला ही नहीं गया था।

पहले से जमा कैश भी निकाल लिया गया था।

डीजीपी से भी हुई शिकायत, तेज हुई जांच

4 मार्च को सीएमएस कंपनी के मेरठ प्रबंधक योगेंद्र सिंह ने गौरव और राकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

लेकिन गिरफ्तारी न होने पर कंपनी के प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी प्रशांत कुमार से लखनऊ में मुलाकात कर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

पहले भी हो चुका है ऐसा घोटाला

बागपत में एटीएम से जुड़ा इसी तरह का करोड़ों रुपये का गबन पहले भी हो चुका है। उस समय भी कुछ कर्मचारियों ने एटीएम में कैश डालने के बजाय धोखाधड़ी से पैसा निकाल लिया था। यदि पहले से सतर्कता बरती जाती, तो शायद यह घोटाला दोबारा न होता।

बागपत एटीएम घोटाले में अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि मुख्य आरोपित गौरव तोमर और राकी मलिक अब भी फरार हैं। पुलिस लगातार गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। यह मामला दिखाता है कि कैश मैनेजमेंट में पारदर्शिता और कड़ी निगरानी जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

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