अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में धर्म परिवर्तन का एक नया मामला सामने आया है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि ईसाई मिशनरियां गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अपनी प्रार्थना सभाओं में शामिल कर उनका धर्म बदल रही हैं। यह गतिविधि पिछले दो वर्षों से लगातार जारी है, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अब तक इस पर ध्यान नहीं दे पाई हैं।
हर रविवार जुटती है भारी भीड़
श्रावस्ती जिले के थाना इकौना के भगवानपुर बनकट गांव में हर रविवार को एक प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। बताया जा रहा है कि इस सभा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं, जिनमें से कई अन्य धर्मों के होते हैं। इन लोगों को इकौना-पयागपुर मार्ग से मदारा चौकी गांव के पास पहुंचना होता है, जहां से लगभग 500 मीटर पैदल चलकर या बाइक के जरिए प्रार्थना स्थल तक पहुंचा जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर रविवार सुबह से दोपहर तक लोगों का यहां आने-जाने का सिलसिला बना रहता है। इस सभा में लोगों को ईसा मसीह के उपदेश सुनाए जाते हैं, जिससे वे मानसिक और आध्यात्मिक शांति महसूस करते हैं।
बीमारियों से छुटकारा दिलाने के नाम पर धर्मांतरण?
आरोप है कि इन प्रार्थना सभाओं में लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिलाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का दावा किया जाता है। इसके चलते लोग धीरे-धीरे अपनी धार्मिक मान्यताओं को त्यागकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जिनके हाथों में गीता, कुरान और रामायण हुआ करती थी, अब वे बाइबल लिए नजर आ रहे हैं। यह भी आरोप है कि इन सभाओं के जरिए लोगों की पारंपरिक पूजा-पद्धति को बदलने की कोशिश की जा रही है।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बनाया जा रहा है निशाना?
इस कथित धर्मांतरण के पीछे सबसे बड़ी वजह यहां की गरीबी बताई जा रही है। स्थानीय लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और ऐसे में ईसाई मिशनरियां उनकी इस मजबूरी का फायदा उठा रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता और बीमारों को ठीक करने के नाम पर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
यह पूरा मामला पिछले दो वर्षों से जारी है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई हैं। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि सरकार और प्रशासन इस बढ़ते धर्मांतरण को रोकने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
श्रावस्ती में जारी इस कथित धर्म परिवर्तन की घटनाओं ने समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और इसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई करती है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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