आनंद शर्मा की रिपोर्ट
भरतपुर। लगभग तीन दिन पहले धर्मांतरण के बड़े मामले का खुलासा होने के बाद बुधवार को चिकसाना थाना इलाके के पीपला गांव में एक ऐसा सेंटर पकड़ में आया, जिसे पति-पत्नी मिलकर अपने घर में ही चला रहे थे।
विहिप के कार्यकर्ताओं ने सेंटर चला रहे युवक को पकड़ा तो उसने कबूल किया कि उसे इस काम के प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपए मिलते हैं। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पति-पत्नी और उसकी भाभी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इनके पास से हिसाब-किताब की डायरी भी मिली है।
विहिप के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने बताया कि रविवार को धर्मांतरण सेंटर पर कार्रवाई के बाद हमने ऐसे सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। बुधवार को हमें पता लगा कि पीपला गांव में धर्मांतरण की प्रक्रिया चल रही है। हम मौके पर पहुंचे और प्रशासन को सूचित किया। जैसे ही हम सेंटर पर पहुंचे तो भगदड़ मच गई और लोग खेतों के रास्ते भाग गए। हमने यहां अजय और उसकी पत्नी व भाभी को सेंटर चलाते पकड़ लिया।
इसके पास धर्मांतरण करवाने का सर्टिफिकेट है। अजय के पास दूसरा सर्टिफिकेट थिओलॉजी का भी है। इसका मतलब वह व्यक्ति जहां भी हाथ लगाएगा, वहां से सारी बीमारियां ठीक हो जाएंगी। वहीं अजय के घर से हिसाब-किताब की डायरी भी मिली है। इसमें कन्वर्ट होने वाले व्यक्तियों को दिए जाने वाले रुपए का लेखा-जोखा है।
सिंह ने बताया कि पीपला गांव पूर्व कांग्रेस मंत्री सुभाष गर्ग का पैतृक गांव है। यहां का अजय लोगों को भ्रमित कर धर्मांतरण करवा रहा था। जब हमने अजय और वहां मौजूद लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हम तो ईसाई हैं। हमने कहा कि तुम्हारा नाम तो अजय है। तब उसने बताया कि पहले हम हिंदू थे, अब हम ईसाई धर्म में कन्वर्ट हो गए हैं।
मौके पर पकडे गए अजय ने बताया कि एक व्यक्ति के धर्मांतरण का उसे 10 हजार रुपए मिलता है। इसके अलावा धर्म बदलने वाले व्यक्ति को अलग से रुपए दिए जाते हैं। ये लोग पैसे का लालच देकर और बीमारियां सही करवाने की बात कहकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। जब हम मौके पर पहुंचे तो वहां 20 से 25 लोग थे, लेकिन सभी धक्का-मुक्की कर खेतों में भाग गए।
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार और रविवार को इनकी सभाएं चलती हैं। फिलहाल अजय, उसकी पत्नी और उसकी भाभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
Author: samachar
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