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21 March 2025 10:12 am

शादी महज एक बहाना था, सरकारी पैसे पर था निशाना – फर्जी शादी कर असली योजना का लाभ लेने वाली ये 3 मुस्लिम महिला…. 

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तीन मुस्लिम बहनों ने फर्जी दूल्हों के साथ शादी कर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाया। एक साल बाद जब प्रशासन को इस धोखाधड़ी की भनक लगी, तो जांच के बाद खुलासा हुआ कि शादी सिर्फ सरकारी सहायता राशि पाने के लिए की गई थी। जब इनसे पैसे लौटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद पुलिस ने तीनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

रामपुर के टांडा नगर पालिका परिषद के अनुसार, यह पूरा मामला मोहल्ला मनिहारान चक का है। यहां की तीन बहनें –

आफरीन जहां (पिता – अब्दुल नवी), शमा परवीन (पिता – अब्दुल नवी), नाजरीन जहां (पिता – अब्दुल नवी)

इन्होंने 5 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी के लिए आवेदन किया था। योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में सरकार आर्थिक सहायता देती है।

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, शादी में इनके पति बताए गए

आफरीन जहां की शादी नावेद (पुत्र असगर अली, ग्राम इमरता खैमपुर, स्वार, रामपुर) से हुई।

शमा परवीन की शादी तहब्बर (पुत्र बदलू सिंह, अजयपुर सैजनी, नानकार, रामपुर) से हुई।

नाजरीन जहां की शादी मोहम्मद यासिन (पुत्र मोहम्मद हनीफ, ग्राम कुण्डा मिस्सरवाला, उधमसिंह नगर) से हुई।

शादी के बाद तीनों बहनों के बैंक खातों में सरकारी सहायता राशि भेजी गई।

फर्जीवाड़ा कैसे उजागर हुआ?

कुछ समय बाद, अहमद नबी नामक व्यक्ति को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली। उन्होंने 2024 में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।

जांच में सामने आया कि तीनों बहनों ने अलग-अलग माताओं के नाम दर्शाए।

शादी में जिन लड़कों को पति बताया गया था, वे असली दूल्हे नहीं थे।

शादी के बाद तीनों बहनें अपने ही घर में रह रही थीं और उन्होंने सरकार से मिली पूरी रकम खर्च कर दी थी।

प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई

जब इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, तो नगर पालिका टांडा के प्रधान लिपिक धनीराम और अधिशासी अधिकारी पुनीत कुमार ने कोतवाली टांडा में तीनों बहनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पहले प्रशासन ने उनसे बार-बार कहा कि सरकारी सहायता राशि वापस करें।

जब उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया, तो पुलिस ने तीनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना पर उठे सवाल

इस मामले ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। योजना गरीब बेटियों की शादी के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसका गलत फायदा उठाने के कई मामले सामने आए हैं। प्रशासन अब इस योजना के तहत होने वाली शादियों की कड़ाई से जांच करने की योजना बना रहा है ताकि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी न हो।

रामपुर में हुआ यह मामला सरकारी योजनाओं का गलत इस्तेमाल करने की एक मिसाल है। इस फर्जीवाड़े के उजागर होने के बाद प्रशासन अब इस योजना की सुरक्षा बढ़ाने और गड़बड़ियों को रोकने के लिए नए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।

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