ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
रायबरेली के ऊंचाहार से सपा के बागी विधायक मनोज कुमार पांडेय पर दलितों की जमीन हथियाने का गंभीर आरोप लगा है। इस आरोप के चलते दलित समाज में भारी आक्रोश फैल गया है और वे धरने पर बैठ गए हैं। इस धरने में दलित समाज के समर्थन में जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी भी शामिल हुईं। उन्होंने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी को धरना स्थल पर बुलाने की मांग की है।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने प्रशासन पर लगाए आरोप
जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार में किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण ही आज दलित समाज को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है। रंजना चौधरी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की बात कही है।
मनोज पांडेय और भाजपा से संबंध
गौरतलब है कि रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, लेकिन पिछले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने रायबरेली के दौलतपुर में आयोजित एक जनसभा में उन्हें भाजपा में शामिल कराया था। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी मनोज पांडेय के भाई और बेटे को भाजपा की सदस्यता दिलवाई थी।
कौन हैं मनोज पांडेय?
मनोज कुमार पांडेय का जन्म 15 अप्रैल 1968 को रायबरेली में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा कानपुर के फिरोज गांधी कॉलेज से पूरी की। ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है और वे इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार में वे मंत्री भी रह चुके हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा की लहर पूरे प्रदेश में थी, तब भी मनोज पांडेय ने ऊंचाहार सीट से अपनी जीत बरकरार रखी थी। 2022 के चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें हराने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे फिर से जीत गए। उनका राजनीतिक प्रभाव इस क्षेत्र में काफी मजबूत माना जाता है।
दलितों की जमीन का मामला
वर्तमान में उन पर आरोप है कि उन्होंने दलित समुदाय की जमीन को हड़प लिया है, जिससे दलित समाज में रोष व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर दलित समाज के लोग विकास भवन के बाहर धरना दे रहे हैं। भाजपा नेत्री रंजना चौधरी ने इस मामले पर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर न्याय की मांग करेंगी।
यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी अहम हो सकता है, क्योंकि एक ओर भाजपा सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सख्त होने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर उसी पार्टी में शामिल एक विधायक पर इस प्रकार के गंभीर आरोप लगना पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की