चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा जिले की तरबगंज तहसील में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां न्यायिक तहसीलदार अनीश सिंह का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वीडियो दो से तीन दिन पुराना बताया जा रहा है, जिसमें तहसीलदार एक जमीन विवाद मामले में न्याय के बदले रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
न्याय के बदले मांगी रिश्वत
जानकारी के अनुसार, एक पीड़ित व्यक्ति अपनी जमीन को दबंगों द्वारा हड़पे जाने की शिकायत लेकर न्यायिक तहसीलदार अनीश सिंह के पास पहुंचा था। दबंगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया था। पीड़ित को उम्मीद थी कि तहसीलदार उसे न्याय दिलाएंगे, लेकिन इसके बदले रिश्वत की मांग की गई।
तीन किस्तों में दिए गए थे पैसे
पीड़ित के अनुसार, न्यायिक तहसीलदार अनीश सिंह ने मामले के निपटारे के लिए 1 लाख रुपये की मांग की थी। बाद में 55 हजार में सौदा तय हुआ और इसे तीन किस्तों में भुगतान करने की बात हुई। वायरल वीडियो में तीसरी किश्त के रूप में 15 हजार रुपये देते हुए तहसीलदार को कैमरे में कैद किया गया है।
गाड़ी में बैठकर ले रहे थे पैसे, वीडियो में कैद हुआ पूरा घटनाक्रम
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि अनीश सिंह अपनी गाड़ी में बैठे हुए पीड़ित से रिश्वत ले रहे हैं। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन तहसीलदार ने पैसे लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई।
पहले भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप
यह पहली बार नहीं है जब तरबगंज तहसील में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी तहसील में कई बार रिश्वतखोरी और फर्जीवाड़े के मामले उजागर हो चुके हैं, लेकिन इस बार वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ चुका है।
प्रशासन ने शुरू की जांच, हो सकती है कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मामले की विस्तृत जांच करके जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ता आक्रोश
इस घटना से आम जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है। पीड़ित और स्थानीय लोग तहसीलदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा जांच पूरी होने के बाद तहसीलदार अनीश सिंह पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है।
यह घटना प्रशासनिक भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बनकर सामने आई है। न्याय देने वाले ही जब रिश्वत मांगने लगें, तो आम जनता का सिस्टम से भरोसा उठने लगता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्त कार्रवाई करता है और पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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