Explore

Search
Close this search box.

Search

22 January 2025 7:14 pm

लेटेस्ट न्यूज़

ऐसी पुलिस… पहले किया लॉकप में बंद फिर मांगी घूस… साहब को पता चला तो मचा हडकंप… पढिए क्या है मामला

65 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में पुलिस की रिश्वतखोरी का एक मामला सामने आया है। आरोप है कि नवाबगंज थाना पुलिस ने एक पिकअप वाहन को रोककर उसमें सवार पशु व्यापारी और चालक को गोवंश तस्करी के आरोप में पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें थाने ले जाकर लॉकअप में बंद कर दिया गया और उनकी रिहाई के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। इस घटना की शिकायत बीएसपी नेता ने एसपी से की, जिसके बाद मामला संज्ञान में आया और एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में रहने वाला रफीक पेशे से पिकअप चालक है। सोमवार को बस्ती जिले के रहने वाले पशु व्यापारी मुस्लिम ने जैतपुर गांव से भैंस और पांडा लाने के लिए अकील नामक व्यक्ति की पिकअप किराए पर बुक की थी। तय योजना के अनुसार, अकील ने जैतपुर गांव से एक भैंस और दो पांडा (भैंस के बच्चे) पिकअप पर लादे और उन्हें लेकर मुस्लिम के घर, जो हैदराबाद में स्थित है, रवाना हो गया।

लेकिन जब पिकअप नवाबगंज थाना क्षेत्र के पटपरगंज पुल के पास पहुंची, तो वहां पहले से मौजूद नवाबगंज थाने के मुख्य आरक्षी मनोज सिंह, आरक्षी रविकेश यादव और सुमित यादव ने वाहन को रोक लिया। पुलिसकर्मियों ने बिना किसी ठोस आधार के आरोप लगाया कि यह पशु तस्करी का मामला है और तत्काल पिकअप चालक शकील और पशु व्यापारी मुस्लिम को थाने ले जाया गया।

रिहाई के बदले मांगी गई रिश्वत

थाने ले जाकर दोनों को लॉकअप में डाल दिया गया और उनकी रिहाई के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। इस घटना की सूचना जब बीएसपी नेता को मिली, तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक (एसपी) से इसकी शिकायत की।

एसपी के हस्तक्षेप से तीन पुलिसकर्मी निलंबित

बीएसपी नेता द्वारा शिकायत किए जाने के बाद मामला एसपी के संज्ञान में आया। एसपी ने इसे गंभीरता से लिया और रात में ही दोनों को लॉकअप से रिहा करा दिया। इसके साथ ही तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों – मुख्य आरक्षी मनोज सिंह, आरक्षी रविकेश यादव और सुमित यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

एसपी ने पूरे घटनाक्रम की गहन जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और क्षेत्राधिकारी (सीओ) तरबगंज की एक विशेष टीम गठित कर दी है। यह टीम पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल

इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। आम जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब पुलिस खुद ही कानून तोड़ने लगे और निर्दोष लोगों को परेशान कर रिश्वत मांगने लगे, तो फिर न्याय की उम्मीद कहां से की जाए? हालांकि, एसपी द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से यह संदेश जरूर गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

अब देखना यह होगा कि इस मामले की जांच में क्या नतीजे सामने आते हैं और क्या आरोपी पुलिसकर्मियों पर कोई कठोर कार्रवाई की जाती है या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

Leave a comment

लेटेस्ट न्यूज़