ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
आगरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने पति से सिर्फ इसलिए तलाक की अर्जी दे दी क्योंकि पति उसे हर दिन नई बिंदी देने से इनकार कर रहा था। यह सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही यह दांपत्य जीवन में छोटी-छोटी बातों के महत्व को उजागर करता है।
बिंदियों पर विवाद, तलाक तक पहुंचा रिश्ता
महिला को रोज़ अलग-अलग तरह की बिंदियां लगाने का शौक था, लेकिन पति ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए हर दिन नई बिंदी लाने से मना कर दिया। यह मामूली-सा लगने वाला विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि महिला अपने पति का घर छोड़कर मायके चली गई और तलाक की मांग करने लगी।
पति ने बताई आर्थिक तंगी, पत्नी की जिद से बढ़ा विवाद
रिपोर्ट्स के अनुसार, पति अपने खर्चों को लेकर पहले से ही चिंतित था, इसलिए उसने पत्नी से बिंदियों का इस्तेमाल सीमित करने की बात कही। लेकिन पत्नी अपनी साज-सज्जा के लिए नई बिंदियों पर अड़ी रही। जब दोनों इस मुद्दे पर किसी समझौते पर नहीं पहुंचे, तो महिला ने अपने पति से अलग होने और तलाक की अर्जी देने का फैसला कर लिया।
फैमिली काउंसलिंग भी नहीं सुलझा पाई मामला
मामला बढ़ता देख, स्थानीय अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और दंपति को एक फैमिली काउंसलिंग सेंटर में भेज दिया। काउंसलिंग के दौरान, सेंटर के काउंसलर डॉ. अमित गौड़ ने बताया कि पति अपनी पत्नी को दी जाने वाली बिंदियों की संख्या पर ध्यान रखता था। शुरुआत में, उसने पूरे हफ्ते के लिए सात बिंदियां दीं, लेकिन जब पत्नी ने शिकायत की कि बिंदियां गिर जाती हैं, तो पति ने सप्ताह में 30-35 बिंदियां लाना शुरू कर दिया। इसके बावजूद, विवाद बना रहा और अंततः पति-पत्नी के रिश्ते में इतनी दरार आ गई कि पत्नी ने तलाक का फैसला कर लिया।
आगरा में पहले भी हो चुके हैं ऐसे अनोखे मामले
यह पहला मामला नहीं है जब आगरा में इस तरह के असामान्य दांपत्य विवाद सामने आए हैं। इससे पहले एक अन्य मामले में, एक महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह उसके लिए मोमोज लाना भूल गया था। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और फैमिली काउंसलिंग करानी पड़ी। अंततः, पति ने सप्ताह में दो बार पत्नी के लिए मोमोज लाने का वादा करके विवाद को सुलझाया।
छोटी-छोटी बातें रिश्तों में दरार डाल सकती हैं
ये दोनों ही घटनाएं दिखाती हैं कि किस तरह मामूली घरेलू असहमति भी, अगर समय रहते सुलझाई न जाए, तो गंभीर विवादों का रूप ले सकती है। ये घटनाएं भले ही सतही तौर पर हास्यप्रद लगें, लेकिन वे रिश्तों में पारस्परिक समझ, संतुलन और संवाद के महत्व को रेखांकित करती हैं।

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की